लखनऊ (ब्योरो कार्यालय)। बिहार के बाद उत्तर प्रदेश में रामचरित मानस को लेकर राजनीति गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महा सचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में रोजाना उतार चढ़ाव व बयान आ रहे हैं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी समर्थन में आ गए हैं। अपने आप को शूद्र बताते हुए राजनीति को गरमाए हुए हैं। वहीं इंटरनेट मीडिया पर प्रताप गढ़ के व्यकित की वायरल वीडियो ने पोल खोल दी। जिसमें उसने कह दिया है कि स्वामी प्रसाद मौर्य का डीएनए कराया जाए तो साफ हो जाएगा कि वह ठाकुर हैं या मौर्य हैं।
उत्तर प्रदेश में मिशन 2024 से पहले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस पर सवाल उठाकर राजनीति में हलचल मचा दी है। उन्होंने एक चौपाई पर सवाल खड़ा करके रामचरित मानस को बंद करने की मांग तक कर दी। इसके बाद पूरे प्रदेश में विरोध चल रहा है और साधु संतों सहित नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है। इसी बीच अब प्रताप गढ़ से एक वीडियो वायरल हो रही है। इंटरनेट मीडिया पर वायरल वीडियो की पुष्टी (नया बदायूं डाट काम) नहीं करता है। इस वीडियो में प्रतापगढ़ देवसरा के बाबू साहब ने स्वामी प्रसाद मौर्या को अपने कुल का बताया है। बाबू साहब का दावा अगर स्वामी प्रसाद मौर्य का डीएनए टेस्ट हो जाए तो सबकुछ सामने आ जाएगा कि वह किसकी संतान हैं दावा किया है कि डीएनए टेस्ट तो यह मेरे बाबा की संतान के रूप में ही पहचाने जा सकते हैं। बाबू साहब ने दावा किया कि उन्हें हमारे बाबा द्वारा भी उत्पन्न किया गया है। विभिन्न परिस्थितियों की वजह से इन्हें लोक लाज के कारण छोड़ दिया गया। यह भी दावा किया है कि पूर्व में लगी एक चोट के कारण स्वामी प्रसाद मौर्य अनाप.शनाप बोलते रहते हैं। बाबू साहब ने कहा कि चाहते हैं कि सरकार और प्रशासन स्वामी प्रसाद मौर्या को उनके परिवार को वापस लौटाए। इसके लिए उन्होंने थाने में तहरीर दी लेकिन किसी ने नहीं ली। अब वह डीएम और मुख्यमंत्री तक जाएंगे और स्वामी प्रसाद मौर्य के डीएनए टेस्ट की मांग करेंगे। उन्होंने दावा किया है कि स्वामी प्रसाद मौर्य भगवान श्रीराम के भक्त हैं लेकिन वह समाजवादी नेताओं के कहने पर अनाप-शनाप बोल रहे हैं।
बेटी संघमित्रा भी कह चुकी हैं चौपाई पर हो विश्लेषण
उत्तर प्रदेश में हलचल मचाने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद तो समाजवादी पार्टी में हैं लेकिन उनकी बेटी डा. संघमित्रा मौर्य बदायूं लोकसभा से भाजपा सांसद हैं।पिछले दिनों स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के बाद बदायूं पहुंची सांसद डा. संघमित्रा मौर्य ने भी अपना बयान पिता के बचाव में दिया था और कहा था कि वह राजनीति चौपाई पर नहीं होनी चाहिए बल्कि रामचरित मानस की इस चौपाई पर विश्लेषण होकर सुधार होना चाहिए। हालांकि दो दिन बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने सांसद से अपने बयान के विचार साफ करने को कहा था। इसके बाद से संघमित्रा मौर्य ने तो चुप्पी साध ली है मगर स्वामी प्रसाद मौर्य की बयानबाजी जारी है।