लखनऊ, ब्योरो रिपोर्ट। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सिटी बस की महिला कंडक्टर से बदसलूकी मामले ने तूल पकड़ लिया। बुधवार को सिटी बस के ड्राइवर और कंडक्टर हड़ताल पर चले गए। इसके चलते, बुधवार को राजधानी में सिटी बस सेवा ठप हो गई है। 250 सिटी बसों में से महज 14 का संचालन हुआ। सिटी बस ठप होने से यात्रियों का काफी दिक्कत हुई। किसी का स्कूल छूटा तो कोई टाइम से दफ्तर नहीं जा पाया। दरअसल, मंगलवार को महिला कंडक्टर सिटी बस लेकर जा रहीं थीं। रास्ते में चेकिंग के लिए विभाग के वरिष्ठ केंद्र प्रभारी अनिल तिवारी बस में चढ़े। महिला कंडक्टर ने आरोप लगाया कि चेकिंग के दौरान केंद्र प्रभारी ने बदसलूकी की। धक्का दिया।
तीन लाख लोग रोज करते हैं सफर
लखनऊ में सिटी बस से रोज करीब 3 लाख लोग यात्रा करते हैं। सुबह के वक्त यह संख्या ज्यादा होती है। सिर्फ सुबह के कुछ घंटों में एक लाख लोग सिटी बस का यूज करते हैं। बुधवार को 92 प्रतिशत से ज्यादा बसों के संचालन नहीं होने से लोगों को आटो का सहारा लेना पड़ा। इसका फायदा उठाकर आटो वालों ने भी किराया बढ़ा दिया। जबकि कैब बुकिंग के रेट भी 20 प्रतिशत तक बढ़ने की बात यात्रियों ने बताई।
बिना टिकट मिले थे तीन यात्री
मंगलवार को दुबग्गा से मोहनलालगंज जा रही सिटी बस में डाक्टर खेड़ा चौकी के पास टिकट चेकिंग शुरू हुई। चेकिंग के दौरान 3 यात्री बिना टिकट पाए गए। कंडक्टर माधुरी के मुताबिक, चेकिंग स्टाफ को उन्होंने बताया कि तीनों यात्रियों ने महज 100 मीटर पहले यात्रा शुरू की है। ऐसे में वह उनका टिकट नहीं बना पाईं। यात्रियों ने भी यही बात बताई लेकिन, चेकिंग कर रहे वरिष्ठ केंद्र प्रभारी अनिल तिवारी ने उनकी बात नहीं मानी। माधुरी ने आरोप लगाया कि अनिल तिवारी ने उन पर पैसा लेकर यात्रा करवाने का आरोप लगाया।
महिला कंडक्टर दिया धक्का, भर्ती
कंडक्टर माधुरी ने बताया कि वह अपने पक्ष में यात्रियों और बाकी लोगों का वीडियो बनाने लगी। इसके बाद विवाद बढ़ गया। वरिष्ठ केंद्र प्रभारी ने उन्हें धक्का दे दिया। जाति सूचक शब्दों का भी प्रयोग किया। बताया जा रहा है कि इस विवाद के बाद महिला कंडक्टर की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें पास के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सिटी बस के ड्राइवर और कंडक्टर उखड़ गए। उन्होंने मीटिंग की और बुधवार सुबह से हड़ताल पर चले गए।
वरिष्ठ केंद्र प्रभारी को हटाने की मांग
कंडक्टर और ड्राइवर चेकिंग में शामिल वरिष्ठ केंद्र प्रभारी अनिल तिवारी को हटाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अनिल तिवारी संविदा पर कार्यरत हैं। उनको मानक के खिलाफ जाकर बस चेकिंग की जिम्मेदारी दी गई है। उनको चेकिंग की जिम्मेदारी नहीं दी जा सकती है। अनिल तिवारी को हटाने की मांग को लेकर रात में ही 70 बसों का संचालन ठप कर दिया गया था।
लखनऊ एआरएम की सुनिए
दुबग्गा बस डिपो के एआरएम मनोज शर्मा का कहना है कि इस मामले में एमडी समेत तमाम अधिकारी-कर्मचारियों से बात कर रहे हैं। घटना की जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल हमने कर्मचारियों से बस सेवा बहाल करने की अपील की है। जल्द ही सेवा शुरू होगी।