लखनऊ, संवाददाता। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और पूर्व मुख्यमंत्री व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच तीखे बार चल रहे हैं। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने केंद्र पर जांच एजेंसियों के (खुले दुरूपयोग) का आरोप लगाने वाले पत्र पर हस्ताक्षर करने को लेकर अखिलेश यादव की आलोचना की और कहा कि अगर भ्रष्टाचार के लिए कोई पुरस्कार हो तो उसे अखिलेश यादव को दिया जाना चाहिए। कहा कि अखिलेश यादव भ्रष्टाचार के पुरुस्कार के पात्र हैं।
गुरुवार को लखनऊ स्थित भाजपा कार्यालय पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने प्रेस कांफ्रेस की। जिसमें उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जबाव देने के दौरान कहा कि नौ प्रमुख विपक्षी नेताओं ने पांच मार्च को पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि जांच एजेंसियां विपक्ष के नेताओं को झूठे मामलों में फंसा रही हैं, लेकिन हमारा मानना है कि यह सभी नौ नेता भ्रष्टाचार में डूबे हैं और खुद को बचाने के लिए मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को पत्र लिखने वालों में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी शामिल हैं। जबकि यह जगजाहिर है कि सपा की सभी सरकारें भ्रष्टाचार में डूबी रही हैं। दरअसल, उपमुख्यमंत्री ने रिवरफ्रंट घोटाला, नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा जमीन घोटाला, राशन घोटाला और खनन घोटाला समेत विभिन्न मामलों का जिक्र करते हुए व्यंग्य किया कि भ्रष्टाचार करने के लिए अगर कोई पुरस्कार हो तो वह सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को दिया जाना चाहिए।
इस सवाल पर कि कितने मामलों में अखिलेश यादव के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हुए हैं, उपमुख्यमंत्री ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया, मगर उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ कानून का राज स्थापित कर रही है। इस सवाल पर कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने पिछले 6 साल के कार्यकाल के दौरान इन घोटालों में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की, पाठक ने कहा कि हमें घोटालों में सजा दिलाने की जल्दी नहीं है। हम एक-एक घोटाले में कार्रवाई करेंगे।
इन पार्टियों के नेताओं ने सौंपा ज्ञापन
गौरतलब है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने 5 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया था।