लखनऊ, संवाददाता। उत्तर प्रदेश के माफिया अहमद को मंगलवार को प्रयागराज की (एमपी-एमएलए) कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण केस में यह सजा सुनाई गई है। पुलिस रिकार्ड में अतीक गैंग पर 101 मुकदमे दर्ज हैं। यह पहला मामला है, जिसमें अतीक को दोषी ठहराया गया और सजा मिली है। इस बीच उसे साबरमती जेल वापस भेजने का आर्डर हो गया है। कुछ देर में उसे वहां से रवाना किया जाएगा। जज दिनेश चंद्र शुक्ल ने अतीक के अलावा खान सौलत हनीफ और दिनेश पासी को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है। तीनों पर एक-एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। यह रुपए उमेश के परिवार को दिए जाएंगे।
कोर्ट ने बरी किए यह लोग
अतीक के वकील दया शंकर मिश्रा ने कहा कि हम फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे। वहीं, अशरफ उर्फ खालिद अजीम समेत फरहान, जावेद उर्फ बज्जू, आबिद, इसरार, आशिक उर्फ मल्ली, एजाज अख्तर को बरी कर दिया गया है। सजा सुनाने के बाद दोपहर 3.30 बजे अतीक और अशरफ को वापस नैनी जेल ले जाया गया। इस दौरान मीडियाकर्मियों ने अतीक-अशरफ से सवाल किए, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। अतीक को वापस साबरमती और अशरफ को बरेली जेल भेजने के लिए नैनी जेल में समन पहुंच चुका है। हालांकि दोनों को कब ले जाया जाएगा, यह अभी साफ नहीं है।
नैनी जेल गया अतीक
उधर, अतीक को नैनी जेल वापस लाया गया है, लेकिन उसे जेल के अंदर नहीं लिया गया है। दोनों प्रिजन वैन जेल गेट पर खड़ी हैं। वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशिकांत सिंह ने अतीक को जेल में लेने से मना कर दिया है। नैनी जेल सुपरिन्टेंडेंट के मुताबिक माफिया अतीक अहमद को गुजरात और अशरफ को बरेली भेजा जाएगा। नैनी जेल में लेने का अभी कोई आदेश नहीं मिला है।
खूंखार बदमाश व डकैत है अतीक
कोर्ट के फैसले के बाद उमेश की मां शांति देवी ने कहा- अतीक अहमद ने मेरे बेटे का मर्डर कराया। तीन-तीन लोगों की जान गई। वो पुराना खूंखार बदमाश और डकैत है वो अपने पैसों के बल पर कुछ भी कर सकता है।
मुख्यमंत्री से की फांसी दिलाने की मांग
उमेश की मां शांति देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री से मेरी मांग है कि उसे फांसी दी जाए। उसे अपहरण मामले में भले ही उम्रकैद की सजा हुई है, लेकिन मर्डर केस में उसे फांसी दी जाए।
पत्नी ने मांगी सुरक्षा
उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने कहा- मैं घर पर अकेली हूं। मुख्यमंत्री से मांग करती हूं कि मेरी सुरक्षा का ख्याल रखा जाए। अतीक को अपहरण मामले में उम्रकैद की सजा कोर्ट ने सुनाई है। इस फैसले पर मैं कुछ नहीं कहना चाहती हूं, लेकिन मेरे पति के मर्डर केस में अतीक को फांसी की सजा दिलाई जाए।
वकीलों ने लगाए फांसी दो के नारे
जब कोर्ट में अतीक को ले जाया जा रहा था, तभी परिसर में वकीलों ने फांसी दो…फांसी दो के नारे लगाए। नाराज वकीलों का कहना था कि उसने (अतीक) उनके साथी उमेश की हत्या की है। इसलिए उसे फांसी की सजा होनी चाहिए।
जेल से कोर्ट 28 मिनट में पहुंचा
अतीक को जेल से जिस पुलिस वैन में लाया गया, उसमें सीसीटीवी लगे थे। जेल से कोर्ट तक की 10 किमी की दूरी 28 मिनट में तय हुई। अतीक को सोमवार शाम को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। दोनों को नैनी सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था।