नया बदायूं

प्रेम संदेशा हाथ ले ,आंगन खड़ा बसंत…शकुंतला हैं बाग में, ठेके पर दुष्यंत

कवि सम्मलेन।

बदायूं। बदायूं सर्राफा एसोसिएशन के तत्वावधान में होली मिलन समारोह के उपलक्ष में भव्य संध्या की गई। जिसमें बाहर से आए हुए कवियों एवं नगर के प्रतिष्ठित कवियों ने काव्य पाठ किया। आयोजन के प्रारंभ में सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष सूर्य प्रकाश वैश्य ने मां शारदे एवं गणेश-लक्ष्मी के समक्ष दीप प्रज्वलन किया। मां शारदे की वंदना युवा कवि अभिषेक अनंत द्वारा की गई। इस मौके पर एसोसियेशन के वरिष्ठ सदस्य रमेश गुप्ता, रचित वैश्य, महामंत्री शरद रस्तोगी, कोषाध्यक्ष नीरज रस्तोगी, कोषाध्यक्ष अरविंद वैश्य, सचित प्रकाश, नितिन कुमार, शोभित वैश्य, किशन वैश्य, शोभित वैश्य, विनय वैश्य, कुलदीप रस्तोगी, प्रथम रस्तोगी, मयूर गुप्ता, हिमांशु गुप्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन बदायूं क्लब के सचिव डा. अक्षत अशेष ने किया।
अभिषेक अनंत ने अपने काव्य पाठ में कहा कि 
एक बार की छुअन से तुमने तन पागल कर डाला है,
बार-बार यादों में आकर मन पागल कर डाला है।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अक्षत अशेष ने अपने काव्य पाठ में कहा कि 
सब जो संग हो तो कमाल हो जाये
बजे जो चंग तो निहाल हो जाये
मन से मन का मिलन जो करता है
रंगों वो रंग तो मिसाल हो जाये।
नवोदित कवि अचिन मासूम ने अपने काव्य पाठ में कहा कि
मिले उल्लास का और हर्ष का आधार होली में,
न कोई भी रहे गम से कभी दो चार होली में,
ज़मीं से आसमां तक सप्तरंगी हो रही दुनियां,
रंगो से कर रही धरती नवल श्रृंगार होली में।।
 
प्रसिद्ध गजलकार –गीतकार कुमार आशीष ने पढ़ा कि
हाल दिल का किसे सुनाऊं मैं
कैसे होली ये अब मनाऊं मैं
कब से हाथों में रंग है मेरे,
तेरा चेहरा कहां से लाऊं मैं
 
आगरा से आए कवि लटूरी लट्ठ ने कहा कि 
प्रेम संदेशा हाथ ले ,आंगन खड़ा बसंत।
शकुंतला हैं बाग में, ठेके पर दुष्यंत।
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