नया बदायूं

देखिए बदायूं के सरकारी अस्पताल में प्रसूता के तीमारदारों से जूता मारकर वसूला जाता सुविधा शुल्क…..

बदायूं की सैदपुर सीएचसी।

बदायूं। केंद्र सरकार डिजिटलीकरण से और यूपी सरकार सख्त रवैया दिखाकर सरकारी विभागों से भ्रष्टाचार खत्म करने के प्रयास में है। मगर अभी भी सरकारी अस्पताल ऐसे हैं जो आए दिन भ्रष्टाचार के लिए बदनाम होते हैं। जिला महिला और पुरुष अस्पताल सहित अब तक तमाम अस्पतालों में रिश्वत व सुविधा शुल्क लेने के मामले सामने आए हैं लेकिन अब सैदपुर सीएचसी का मामला चौंकाने वाला है। यहां डिलीवरी के बाद हर इंजेक्शन लगाने से पहले स्टाफ नर्स को पैसा चाहिएए नाम लिखने से पहले बाबू को पैसा चाहिए। उपचार देखने से पहले डाक्टर को पैसा चाहिए। अगर पीड़ित पैसा न दे तो उसको जूता मारकर पैसा वसूलने की धमकी दी जाती है। जब मरीज को जूता मारने की नौबत आई तो युवक किसान यूनियन के नेताओं सहित सीएमओ कार्यालय पहुंचा और न्याय की गुहार सीएमओ से लगाई है।

शिकायतकर्ता।

नाड़ कटाई से लेकर दवाई तक स्टाफ को चाहिए पैसा
वजीरगंज थाना के ग्राम मनवा निवासी रामपाल पुत्र ईश्वरी ने बुधवार को सीएमओ डाण् प्रदीप कुमार को शिकायती पत्र दिया। जिसमें पीड़ित ने कहा कि पुत्र वधू जीवन कुमारी पत्नी ज्ञान चंद्र को 31 दिसंबर 2022 को रात 11 बजे सीएचसी सैदपुर में प्रसव कराने को भर्ती किया गया था। भर्ती के बाद पीड़ित से दवा लगाने के नाम पर स्टाफ नर्स ने 400 रुपये ले लिए और इलाज शुरू किया। इसके बाद महिला की डिलीवरी एक जनवरी को दिन में साढ़े 11 बजे हुई। आरोप है कि डिलीवरी के बाद बच्चे के नाड़ कटाई के नाम पर 500 रुपये जबरन ले लिए। नाड़ कटाई के पैसा देने के बाद सीएचसी सैदपुर पर तैनात नर्स ने 11 सौ रुपए फार्म भराई के नाम पर मांगे। जब पीड़ित ने रुपए देने से मना किया कि इतने पैसा उसके पास नहीं हैं तो सीएचसी का पूरा स्टाफ मारपीट व गाली.गलौज को उतारू हो गया। कहा कि यह पैसा अकेल खुद थोड़ी रखते हैं इसमें डाक्टर को भी हिस्सा देते हैंए इसके बाद भी पीड़ित ने 1100 रुपये देने से मना किया तो पूरे स्टाफ ने धमकी दी। कि तुम पैसे नहीं दोगे तो जूते पड़ेंगेए कहा कि जब पैसा देने को नहीं है तो डिलीवरी कराने यहां क्यों चले आते हो। इसके अलावा तमाम अभद्र गालियां दीं और पीड़ित को दुत्कार दिया। पीड़ित ने कहा कि उसके पास 1100 रुपये नहीं केवल 700 रुपये खर्चा को बचे हैं तो नर्स ने जबरन वहीं 700 रुपये ले लिए। कहा कि तुम्हें बच्चे के जन्म के छह हजार मिलेंगे इसके बाद भी तीन हजार खर्च नहीं कर सकते हो। पीड़ित की शिकायत से लग रहा है कि मरीजों से जूता दिखाकर सुविधा शुल्क वसूल किया जा रहा है।

शिकायती पत्र।

डाक्टर साहब को रिश्वत के चाहिए दो सौ रुपये
सरकारी सिस्टम इतना भ्रष्ट हो चुका है कि निशुल्क सेवाओं के बाद भी डाक्टर से लेकर कर्मचारियों तक पैसा चाहिए। स्टाफ ने पीड़ित से दबी जुबान साफ कह दिया कि यह पैसा अकेले वह नहीं रखते हैं इसमें डाक्टर का भी हिस्सा रहता है। हर मरीज के मामले के दो सौ रुपये डाक्टर को देने पढ़ते हैं।

कार्रवाई नहीं हुई तो होगा आंदोलन
भाकियू के मंडल उपाध्यक्ष सौदान सिंह और मंडल प्रवक्ता राजेश सक्सेना ने ज्ञापन सीएमओ को सौंपा। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर रिश्वतखोर स्टाफ पर कार्रवाई विभाग की ओर से नहीं की गई तो फिर भाकियू अपना आंदोलन करेगी। सीएचसी स्तर पर पहले धरना प्रदर्शन होगा इसके बाद सीएमओ कार्यालय का घेराव कर कार्र‌वाई की जाएगी।

क्या कहते हैं सीएमओ
सैदपुर सीएचसी पर भ्रष्टाचार के मामले में सीएमओ डाण् प्रदीप कुमार का कहना है कि शिकायत लेकर पीड़ित पक्ष आया था लेकिन पैसा किसने लिए उसका नाम नहीं बता पा रहा था नाम पता कर लिखित कार्यालय में शिकायत दर्ज कराने को कहा है। मामले की जांच कराते हैं कि कौन स्टाफ है जिसने ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया और पैसा लिया है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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