बदायूं। समग्र शिक्षा के अन्तर्गत दिव्यांग बच्चों की समावेशी शिक्षा के सफल क्रियान्वयन को जनपद स्तरीय समर्थ कार्यशाला का आयोजन आटोडेरियम में किया गया। जिसकी अध्यक्षता सीडीओ केशव कुमार ने की। यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। जिसमें बच्चों ने धूम मचा दी। स्पेशल एजूकेटर्स तथा नोडल टीचर्स सामान्य बच्चों की तरह इन बच्चों को भी शिक्षित करेंगे तथा निर्धारित दक्षताओं की प्राप्ति को शिक्षण व्यवस्था को उत्कृष्ट बनाएंगे। कार्यक्रम में कई शैक्षिक वीडियो तथा प्रस्तुतिकरण भी प्रतिभागियों के लिए प्रदर्शित किए गए। इस मौके पर सीएमओ डा. प्रदीप वार्ष्णेयए जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी संतोष कुमार, समाज कल्याण अधिकारी राम जनम, डीपीआरओ श्रेया मिश्र, जितेंद्र सिंह जिला समन्वयक समेकित शिक्षा, सरवर अली, रज्जन सिंह, राजेश मौर्य, विपिन कुमार, संदीप कुमार सहित शामिल रहे।
मंगलवार को आटोडेरियम में सीडीओ केशव कुमार ने कार्यशाला का उद्घाटन मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित करके व माल्यार्पण करके किया। उन्होंने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि दिव्यांग बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उन्हे मुख्य धारा में जोडा जाना चाहिए। इसके लिए समेकित शिक्षा के माध्यम से शासन द्वारा विभिन्न कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इस क्रम में निपुण भारत मिशन के संयोजन में समर्थ कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस कार्यशाला के माध्यम से प्रतिभागियों को समर्थ कार्यक्रम के बारे में विभिन्न हितधारकों एवं जन समुदाय व विभागों को दिव्यांग बच्चों की शिक्षा व समावेशन के प्रति पूर्ण रूप से जानकारी मिलेगी। जिसके द्वारा वह समाज को दिव्यांग बच्चों के हितों क प्रति सजग एवं जागरूक करेंगे। प्राचार्य डायट कमलेश कुमार ओझा ने कहा कि कार्यशाला के माध्यम से शिक्षा विभाग व अन्य जनपद स्तरीय अधिकारियों में दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के प्रति जागरूकता उत्पन्न होगी। बीएसए आनन्द प्रकाश शर्मा ने बताया कि दिव्यांग बच्चों की समावेशी शिक्षा की विभिन्न गतिविधियों के समुचित क्रियान्वयन एवं समर्थ पोर्टल के माध्यम से सतत अनुश्रवण तथा हितधारकों को प्रेरित करने के उद्देश्य से जनपद स्तर पर यह कार्यशाला आयोजित की गई है।
प्रदर्शनी भी लगाई गई
कार्यशाला के साथ.साथ यहां प्रदर्शनी भी लगाई गई। जिसमें सीडीओ ने स्पेशल एजूकेटर द्वारा लगाई गई टीएलएम प्रदर्शनी का अवलोकन किया। यहां विभिन्न शिक्षण सहायक सामग्रियों की प्रशंसा की।
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