नया बदायूं

सहकारिता चुनाव में लोकतंत्र की हत्या, सत्ता के दबाव में आए अफसर 

बदायूं। जनपद में 18 मार्च को सहकारिता चुनाव में प्रबंध कमेटी सदस्य के लिए मतदान किया जाना है। इससे पहले ही नामांकन पत्र दाखिल करने को लेकर पूरे जिले में ब्लाकों पर हंगामा रहा। सहकारिता के चुनाव के लिए भाजपा और सपा के कार्यकर्ता आमने-सामने रहे। इस सहकारिता के चुनाव में नौबत यह रही कि समाजवादी के नेता व कार्यकर्ता अपना नामांकन पत्र दाखिल करना तो दूर पर्चा भी नहीं खरीद सके। इसके बाद समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष ने अपना बयान जारी किया है। जिसमें साफ कहा कि प्रशासन भाजपा के दबाव में काम कर रहा है। सहकारिता के चुनाव में भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या की है। सत्ता के दबाव में अधिकारियों ने भाजपाइयों के अलावा किसी को पर्चा नहीं खरीदने दिया।
मंगलवार की दोपहर में समाजवादी के जिलाध्यक्ष आशीष यादव ने बयान जारी कर कहा कि आज से सहकारी समितियों के चुनाव की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गयी है तथा नामांकन किये जाने हैं परंतु भाजपा नेताओं के इशारे पर जिला प्रशासन द्वारा समितियों के चुनाव को ब्लाक स्तर पर करने का फरमान जारी किया गया। आज जब सपा कार्यकर्ता अपना नामांकन पत्र लेने के लिए ब्लाक पर पहुंचे तो वहां पर चुनाव अधिकारी, जो नामांकन पत्र वितरित करते हैं, मौजूद नहीं थे। ब्लाक उसावां, म्याऊं, इस्लामनगर, आसफपुर, बिसौली, सहसवान, वजीरगंज, उझानी, जगत आदि सभी ब्लाकों पर इस तरह की लोकतंत्र की हत्या करने जैसे कुकृत्य किये गए हैं जो कि बेहद निंदनीय हैं। कहा कि उत्तर प्रदेश का शासन व प्रशासन लोकतंत्र की हत्या करने में लगा हुआ है और जिम्मेदार लोग अपने मुंह पर पट्टी बांधे बैठे हुए हैं।
सपा के पास घपलेबाजी के साक्ष्य 
समाजवादी के जिलाध्यक्ष आशीष यादव ने कहा कि हमारे पास साक्ष्य मौजूद हैं कि किस तरह सपा कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न किया गया है। उन साक्ष्यों को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व पार्टी के नेता धर्मेंद्र यादव को भेजेंगे व जो भी पार्टी का निर्देश होगा उसी आधार पर भविष्य में उचित व ठोस कार्यवाही करेंगें।
ब्लाक कार्यालयों को पुलिस ने घेरा
ब्लाक कार्यालय को पुलिस ने घेर रखा था, पुलिस अधिकारियों के पास एक सूची भाजपा नेताओं द्वारा दी गयी थी, उसी के आधार पर लोगों को अंदर जाने दिया जा रहा था। पुलिस द्वारा समाजवादी पार्टी के किसी भी नेता व कार्यकर्ता को नामांकन पत्र लेने के लिये ब्लाक परिसर में नहीं जाने दिया गया तथा उनसे जमकर अभद्रता की गई। झूठे मुकदमें लगाकर जेल भेजने की धमकी भी दी गयी।
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