उझानी। अखिल विश्व गायत्री परिवार के मार्गदर्शन में नगर के समीपवर्ती गांव संजरपुर में 3200 पुस्तकों को लिखकर समाज का मार्गदर्शन करने साथ व्यक्ति निर्माण करने वाले अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित 19वें पुराण प्रज्ञापुराण है। प्रज्ञापुराण संगीतमयी कथा के दूसरे दिन संस्कार व सद्गुण एवं ज्वलंत समस्याओं का निराकरण और लोकरंजन से लोकमंगल के साथ गायत्री महायज्ञ हुआ। कथाशिरोमणि लीलाधर शर्मा ने कहा कि प्रज्ञा पुराण कथा व्यक्ति व परिवार एवं समाज एवं राष्ट्र की ज्वलंत समस्याओं का समाधान है। आपसी सद्भावना व संवेदना एवं नैतिकता की भावना जीवन्त जाग्रत होगी। श्रेष्ठ साहित्य ही लोकरंजन से लोकमंगल का सर्वसुलभ मार्ग प्रशस्त करता है।
पंकज कुमार ने कहा कि समय परिवर्तनशील है। परिस्थितियां व मान्यताएं एवं प्रथाएं समस्याएं और आवश्यकताएं बदलती रहती हैं। मनुष्य के दुर्गुणों को हटाने श्रेष्ठ गुणों को बढ़ाने के लिए ईश्वरीय सत्ता अवतार लेती है। भटके हुए मनुष्य देवता का मार्गदर्शन करती है। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए युगऋषि वेदमूर्ति पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने 19वें पुराण प्रज्ञापुराण कथा की रचना की। प्रेमपाल व भवेश शर्मा ने मनुज देवता बने बनें यह धरती स्वर्ग समान गीत की शानदार प्रस्तुति दी।
मातृशक्तियों और देवकन्याओं ने शक्तिकलश का वेदमंत्रोच्चारण पूजन किया। मां गायत्री की सुसज्जित दीपकों से भव्य आरती की। प्रातरू गायत्री महायज्ञ में दर्जनों गांवों व शहरों से आए ग्रामीणों एवं साधू.संतों और गणमान्य नागरिकों ने यज्ञभगवान को लोककल्याणार्थ गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र की विशेष आहुतियां यज्ञ भगवान को समर्पित कीं। यहां अनवीर सिंह, ध्रुव यादव, मोना यादव मुख्य यजमान रहे। इस मौके पर आयोजक अनवीर सिंह, सुरेंद्र सिंह, रामेश्वर, गेंदन लाल, खेतल, ओम प्रकाश मौके है।