नया बदायूं

फिर मैदान में दो-दो हाथ को तैयार सट्टाकिंग की पत्नी

बदायूं। जिले के एक निकाय में ऐसी महिला प्रत्याशी भी दो-दो हाथ आजमाने उतरी हैं, जो आज तक किसी चुनाव में जीत दर्ज नहीं करा सकीं। हालांकि इस बार भी वह चेयरमैन बनने का ख्वाब लेकर संबंधित निकाय में भ्रमणशील हैं लेकिन हर बार की तरह इस बार भी उनके साथ एक सट्टाकिंग का नाम जुड़ा होने के कारण वह चर्चा का विषय बनी हुई हैं क्योंकि सट्टा के कारोबार को लेकर लंबे समय से वह बदनाम है।

निकाय चुनाव प्रचार में एक महिला प्रत्याशी ऐसी भी है जो बिजली पानी सड़क सुरक्षा सहित आधी आबादी की बात कर रही हैं जबकि खुद सट्टा कारोबार के लिए बदनाम है। महिला प्रत्याशी कई साल से राजनीति में सक्रिय हैं। हालांकि इसके लिए वह हर बार बदायूं को ही अपना मैदान बनाती हैं। इससे पहले विधानसभा और निकाय चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमाने वह यहां आ चुकी हैं। जबकि इस बार फिर वह धुरंधरों से टक्कर लेने को तैयार हैं और चुनाव प्रचार में जुटी हुई हैं लेकिन इस बार भी वही बात कही जा रही है कि अगर उन्हें सीट मिल गई तो उनके पीछे खड़ा सट्टाकिंग समूचे निकाय के युवाओं को सट्टा के इस दलदल में धकेलने से नहीं चूकेगा।

 

पूरे बरेली मंडल क्षेत्र में फैला है सट्टा का कारोबार :–
प्रत्याशी के पति के सट्टा कारोबार हैं, उनके इस सट्टा कारोबार की जड़ें केवल बदायूं ही नहीं बल्कि बरेली, पीलीभीत और शाहजहांपुर जिलों तक फैली हुई हैं। कुछ सफेदपोशों की आड़ में कारोबार को बल मिल रहा है।

 

सट्टा कारोबार को बरेली बनाली कर्मभूमि :–
प्रत्याशी का पति सट्टा कारोबारी बरेली में भी स्थापित हो चुका है। वह बरेली से बैठकर पूरे मंडल में सट्टा कारोबार का नेटवर्क चलाता है और रोजाना का करोड़ों का कारोबार करता है।

डमी प्रत्याशी की भी चर्चा
जिस तरह ये प्रत्याशी हर चुनाव में कूदती और हमेशा हारकर जाती हैं, इसको लेकर यह भी चर्चा है कि कुछ कद्दावर नेता इन्हें चुनाव में डमी प्रत्याशी के तौर पर उतार देते हैं, ताकि कुछ न कुछ तो वोट काट ही लें। फिलहाल ये प्रत्याशी हर तरफ चर्चा का विषय बनी हैं।

कई पार्टियां छोड़कर राष्ट्रीय पार्टी में शामिल :—
सट्टा किंग की पत्नी इस बार निकाय चुनाव लड़ रही हैं इससे पहले भी कई चुनाव लड़ चुकी हैं। पिछले चुनावों में हार मिलती रही है और सट्टे की बदनामी का दाग लगता रहा है। जिसके चलते क्षेत्रीय प्रदेश स्तरीय और राष्ट्रीय पार्टी छोड़ चुकी हैं। इस निकाय चुनाव में अब एक राष्ट्रीय पार्टी का दामन थाम लिया है। मगर चुनाव में सट्टा किंग की पत्नी होने की वजह से खुद के साथ पार्टी की भी बदनामी कर रही हैं।

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