नया बदायूं

मां आशा की किरण कार्यक्रम में श्यामलाल के नाती की दुकान ने किया लकी ड्रा तो देखिए क्या निकला

श्याम लाल के नाती की दुकान की ओर से मां आशा की किरण उत्सव कार्यक्रम।

बदायूं। श्याम लाल के नाती की दुकान के संचालक हरिकृष्ण वर्मा एवं युवा मंच संगठन राष्ट्रीय अध्यक्ष ध्रुव देव गुप्ता के द्वारा आयोजित मां को समर्पित आशा की किरण उत्सव में प्रतिभाशाली छात्र छात्राओं को सम्मानित कर डांस सिंगिग कोंपटिश का फिनाले हुआ।श्याम लाल के नाती का लकी ड्रा में सुनील सिंह पुत्र राजेंद्र सिंह का वजीरगंज फ्रिज निकला तो वहीं आशा देवी बरेली का गैस चूल्हा व राजेश कुमार एवं प्रतापगण की रहने वाली शिक्षिका जो बदायूं गुड़गांव में तैनात हैं उनकी लकी ड्रा में स्कूटी एवं अन्य सैकड़ों लकी ड्रा के उपहार लकी ड्रा के माध्यम से वितरित किए गए। इसके बाद यहां कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया। इसी मौके डांसिंग सिंगिग के विनर में ग्रुप डांस में स्टार शाइन अकेडमी एवं यूथ डांस विला ग्रुप टाई हुआ। इसलिए दोनों ही ग्रुप प्रथम स्थान पर विजेता रहे।

श्याम लाल के नाती की दुकान की ओर से आयोजित मां आशा की किरण उत्सव कार्यक्रम।

कार्यक्रम के मंच पर आयोजित हुए कवि सम्मेलन में दो मिनट का मौन रख कर बदायूं के दिवंगत कवि विशाल गाफिल के लिए श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद कवि सम्मेलन की अध्यक्षता हास्य ब्यंग्य कवि शमशेर बहादुर आंचल ने की। तथा कवयित्री सरिता चौहान की सरस्वती वंदना से कार्यक्रम शुरू हुआ। कार्यक्रम में पीलीभीत से आए सिद्धार्थ मिश्र व हास्य ब्यंग्य कवि पवन शंखधार एवं कवयित्री सरिता चौहान और युवा कवि अचिन मासूम ने कविता पढ़ी। इस मौके पर विकेंद्र शर्मा, सुनील गुप्ता, सोनिका गुप्ता, आशा, पुष्पेंद्र मिश्रा, कुशाग्र मौर्य, दिलीप गुप्ता, देवध्वनी गुप्ता, राकेश पाल, सुनील नारंग, सुशील मौर्य, दिलीप जोशी, कुशाग्र वर्मा, अभी शुक्ला, राज वर्मा, लकी, अमन गुप्ता, मनोज गुप्ता, राजा ठाकुर शामिल रहे।

श्याम लाल के नाती की दुकान की ओर से मां आशा की किरण उत्सव कार्यक्रम।

कविताएं :–
शमशेर बहादुर आंचल ने मुक्तक पढ़ा कि :–
विकलांग व्यवस्था है और बहरी है राजनीत
न जाने किस मुकाम पर ठहरी है राजनीत।

उस्ताद शायर सुरेंद्र नाज ने पढ़ा :–
वक़्त-ए-सफ़र थे साथ हमारे इधर उधर
जो पेड़ थे सड़क के किनारे इधर उधर
बूढ़ा दरख़्त शाम से समझा रहा है यह पंछी कोई न रात गुजारे इधर उधर।

 

उझानी से आए जनकवि टिल्लन वर्मा ने पढ़ा :–
बोझिल मन से रखने होते पांव जहां लाचारी में
बोलो कैसे मन लग पाए ऐसी रिश्तेदारी में ।

 

पीलीभीत से आए वरिष्ठ गीतकार संजय पाण्डेय गौहर ने पढ़ा :–
यूं तो जहां में लोग बहुत हैं
लेकिन अपने मुट्ठी भर।।
फिर ये न जाने किसने दिए हैं
मुझको सपने मुट्ठी भर ।।

श्याम लाल के नाती की दुकान की ओर से आयोजित मां आशा की किरण उत्सव कार्यक्रम।
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