बदायूं। शहर के गिंदो देवी महिला महाविद्यालय की ओर से राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत युवा महोत्सव एवं विवेकानंद जयंती प्राचार्या डाण् गार्गी बुलबुल के निर्देशन में मनाया गया। सर्वप्रथम मां शारदे को नमन करते हुए विवेकानंद के समक्ष पुष्प अर्पित करके महोत्सव का शुभारंभ किया। जिसमें अनेक छात्राओं ने भाग लिया।
प्राचार्या ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद के अनुसार ज्ञान स्वयं में वर्तमान है। मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है। उठो और जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते। जब तक जीना तब तक सीखना अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है। उप प्राचार्या प्रोफेसर इंदु शर्मा ने कहा ज्ञान के माध्यम से ईश्वरीय स्वरूप का ज्ञान वास्तविक सत्य का ज्ञान ही ज्ञानयोग का लक्ष्य है। कार्यक्रम अधिकारी डा इति अधिकारी ने कहा कि विवेकानंद ने भारत में भ्रमण करके भारतियों को भारतीय संस्कृति और तत्वज्ञान का सदुपदेश दिया और अंधविश्वासों तथा रुढियों को दूर हटाकर समाज सेवा का उपदेश दिया। कार्यक्रम अधिकारी डा अनीता सिंह ने कहा कि विवेकानंद ने अपने विचारों को युवाओं तक पहुंचाया। असिस्टेंट प्रोफेसर सरला चक्रवर्ती ने बताया कि विवेकानंद हमारी संस्कृति एवं सभ्यता के प्रतीक हैं। डा. शुभी भसीन ने विवेकानंद के बारे में कहा कि वह हमारे युवाओं के आदर्श एवं प्रतीक है जो युवाओं का मार्ग प्रशस्त करते हैं। इस अवसर पर डा. श्रद्धा यादव, शिखा पांडे, उमा सिंह गौर, सोनी मौर्य उपस्थित रहीं।
उत्तर प्रदेश अधिवक्ता परिषद ने मनाई स्वामी विवेकानंद जयंती
अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद ने स्वामी विवेकानंद की जयंती को युवा सप्ताह के रूप में सिविल बार परिसर में मनाया गया। जिसमें अधिवक्ता परिषद के पदाधिकारी व सदस्यगण मौजूद रहे। सिविल बार एसोसिएशन कैंपस में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग कार्यवाह सत्य प्रकाश ने स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए स्वामी विवेकानंद के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए अपने विचारों को व्यक्त किया। उन्होंने का स्वामी विवेकानंद देश की नहीं बल्कि विश्व की प्रतिभावान धरोहर थे। परिषद के जिला अध्यक्ष विनीत सक्सेना ने कहा कि आज के युवा उनके जीवन मूल्यों से प्रेरित होकर विश्वकल्याण की दिशा में कार्य करने को तैयार रहें। महामन्त्री विवेक रैंडर ने उनके जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला और वक्ताओं ने स्वामी के जीवन के कई संस्मरणों को याद किया। कार्यक्रम में सुकरीत कुमार, शरद कुमार, श्याम कुमार दिवाकर, मनोज मोहन, अनिल सक्सेना, देवेश, अरुण, पशुपतिनाथ, वेदप्रकाश साहू, ज्ञानस्वरुप, सुनील बंसल व जिला मीडिया प्रभारी पंकज शुक्ल समेत काफ़ी संख्या में अधिवक्ता कार्यक्रम में उपस्थित रहे।