बदायूं। गन्ना किसान सट्टालाक के चलते परेशान हैं उनका गन्ना तौल नहीं हो पा रहा है। किसान सरकार सिस्टम की लापरवाही में हर ओर समस्या में फंस गया है। जिन किसानों की पर्ची आ गई हैं वह माफियाओं के आगे सुस्त हैं उनकी गन्ना तौल नहीं हो पा रही है। वहीं दूसरी ओर किसानों के सामने सट्टा लाक की दिक्कत है। बिना घोषणा पत्र की फीड़िंग के विभाग ने सट्टा लाक कर दिया। अब किसानों को पर्ची नहीं आ रही है।
गन्ना क्रय केंद्रों पर किसान काट रहे हंगामा
जिले में गन्ना किसान इन दिनों गन्ना की कटाई कर खेत में गेहूं फसल बुवाई के लिए दिनरात काम कर रहे है। जिससे कि किसान गन्ना के बाद खेत में गेहूं की फसल ले सकें। मगर यहां किसानों के सामने दो-दो समस्याएं खड़ी हैं एक ओर गन्ना माफिया तौल नहीं होने दे रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर गन्ना सट्टा लाक परेशानी का सबब बन गया है। गन्ना विभाग ने तो जिले से करीब 70 हजार से ज्यादा किसानों का सट्टा फीड किया था मगर इसमें ऐसे लोग भी फीड हो गए जो किसान घोषणा पत्र गाटा संख्या के साथ नहीं भर पाए। जिले में ऐसे 1503 किसान हैं जिनका सट्टा लाक हो गया और घोषणा पत्र पूरा नहीं भरा गया। जिसमें किसे के सट्टा पर गाटा संख्या नहीं पड़ा तो किसी का मोबाइल नंबर नहीं पड़ा, किसी की बैंक पासबुक नहीं लगी तो किसी का आधार नहीं लगा। जब शासन स्तर पर आनलाइन फीड़िंग का डाटा फिल्टर किया गया तो यह किसान सामने आए। अब गन्ना विभाग सट्टा लाक खुलवाने के बाद संसोधन का कार्य शुरू किया गया है।
सट्टा लाक में यह दस्तावेज जरूरी
सट्टा लाक किसानों की पर्ची नहीं आने पर किसानों का सट्टा लाक खुलवाया जा रहा है। जिसमें किसानों के सर्वे खाता पर सट्टा लाक में आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, बैंक खाता संख्या, खतौनी फीड कराई जा रही है। जिसके बाद मोबाइल पर एसएमस पर्ची आ रही है।
क्या कहते हैं अधिकारी
जिला गन्ना अधिकारी रामकिशन का कहना है कि सट्टा लाक करने से पहले किसानों को जानकारी दी गई थी, लेकिन किसान अपने दस्तावेज पूर्ण नहीं कर पाए थे। जिले के करीब 1503 किसान ऐसे थे उनका सट्टा लाक खुलवा दिया है उनके आधार, बैंक पासबुक, मोबाइल नंबर, खतौनी को अपलोड कराया जा रहा है। किसानों की समस्या को रफ्तार से दूर किया जा रहा।