बदायूं। शहर के सपा नेता सलीम अहमद ने सपा के पूर्व मंत्री आबिद रजा समेत सात लोगों के खिलाफ मानहानि के दावा को अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में अर्जी दी है। जिसमें सपा से पूर्वमंत्री रहे आबिद रजा के अलावा उनके प्रतिनिधि व नगर पालिका के तत्कालीन ईओ का नाम भी शामिल है। आठ साल पुराने मामले के पन्ने फिर से खुले तो राजनीतिक गलियारों में चर्चे हजार हो गये हैं। वहीं राजनीतिक गलियारों में पूर्व मंत्री आबिद रजा और समील अहमद को लेकर अलग-अलग चर्चायें भी हैं जो सलीम को भी सवालों के घेरे में ले रही हैं।
सपा नेता सलीम के द्वारा एमपी एमएलए कोर्ट में दी गई अर्जी के अनुसार सलीम अहमद के पिता अहमद मियां के नाम से भारत कंस्ट्रक्शन नाम की सड़क निर्माण आदि की फर्म है। साल 2014 में सलीम के खिलाफ लोक संपत्ति निवारण अधिनियम आदि धाराओं से जुड़े पांच मुकदमे बिनावर व कुंवरगांव थानों में दर्ज कराए गए थे। इसके बाद सलीम को जेल जाना पड़ा था। इधर, बाद में पुलिस ने दो मामलों में तफ्तीश के बाद एफआर लगा दी। जबकि बाकी के तीन मामलों में वादी-गवाह अदालत में होस्टाइल हो गए और अपना हलफनामा देते हुए आबिद रजा द्वारा ये मुकदमे दर्ज कराने को प्रेरित करने की बात कही। इस पर अदालत ने सलीम को बरी कर दिया। जबकि सलीम ने आबिद रजा के अलावा उनके प्रतिनिधि रहे अजहर हुसैन, तत्कालीन नगर पालिका ईओ विजय प्रताप सरल, बिनावर थाने के गांव ददमई की पूर्व प्रधान नफीसा बेगम, बरी समसपुर के जसीम मियां, सरकपुर सुभानपुर गांव के सियाराम व थाना कुंवरगांव इलाके के बल्लिया गांव निवासी ओमप्रकाश के खिलाफ अदालत में मानहानि का केस चलाने को अर्जी दी है।
तब से अब तक दोनों का सपा में साथ
वर्ष 2014 में सपा जिला सचिव रहे सलीम अहमद पर मामले दर्ज हुए उस समय सलीम अहदम जिला सचिव थे वहीं अगर पूर्वमंत्री आबिद रजा भी उस समय सपा से सदर सीट से विधायक थे वहीं अब सलीम अहमद ने कोर्ट में मामला डाला है तो इस समय सलीम सपा कार्यकर्ता हैं और आबिद रजा भी फिर से सपा में शामिल हो गये हैं। दोनों एक ही पार्टी में हैं और एक साथ हैं फिर भी विरोध तब से अब तक जारी है।
सत्ता के दबाव में दब गई थी सलीम की जांच
सलीम अहमद ने पूर्वमंत्री आबिद रजा सहित सात के खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट में अर्जी दाखिल की है, जिसके बाद उस दौर के मामलों के पन्न लोगों की जुबान पर आ गये हैं। बताया जाता है कि उस दौर में दो तीन गांव से शिकायत हुई थी उस पर जांच अधिकारियों ने बिठाई थी। जिसमें एफआईआर भी दर्ज की गई थी, वह मामरा भारत कंट्रक्शन संस्था का था। भारत कंट्रक्शन संस्था के प्रोपराइट अहमद मियां हैं, जिनका फर्म खाता शहर के अर्बन कोआपरेटिव बैंक में था। उस दौरान उनके खाते को लेकर भी जांच बैठी थी। जिसमें आरोप लगा था कि खाता भारत कंट्रक्शन का अहमद मियां के नाम था और संचालित सलीम अहमद करते थे। सलीम अहमद के हस्ताक्षर का मामला सामने आया तो फर्जीवाड़ा के मामले में जांच बैठी। वहीं नगर पालिका बदायूं से फर्म को ब्लैकलिस्टेड किया गया। सपा सत्ता में थी और सलीम सपा में थे इसलिए पूरे मामले को उस दौर में दबा दिया गया है। फर्जी हस्ताक्षर का मामला ठंडे बस्ते में पड़ा रहा अगर अब उस मामले की जांच गई तो सलीम भी फंस सकते हैं इसलिए उन्होंने पहले ही पूर्वमंत्री आबिद रजा को चुनाव से पहले कार्रवाई के घेरे में ले लिया है।
….कहीं चुनाव से पहले राजनीति तो नहीं
समाजवादी पार्टी के नेता सलीम अहमद ने पूर्वमंत्री आबिद रजा सहित सात के खिलाफ कोर्ट में मानहानि का दाबा किया है। जिसके बाद राजनीति गर्मा गई है, लोग अलग-अलग मायनों से देख रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि कहीं राजनीति तो नहीं हो रही है, आबिद रजा पिछले दिनों सपा में शामिल हुये हैं और नगर पालिका का चुनाव पत्नी के लिए लड़ाने के प्रयास में हैं। चुनाव प्रभावित करने के लिए तो ऐसा नहीं किया गया है।
आबिद ने बोलने से किया इंकार
मानहानि को लेकर कोर्ट में अर्जी देने के बाद पूरे प्रकरण के बारे में समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री आबिद रजा से बातचीत की गई, ततो उन्होंने पूरे मामले में कुछ भी कहने से इंकार किया है। बोले इस प्रकरण में मैं कुछ नहीं कहूंगा।
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