बदायूं। जिले के ब्लाक सहसवान क्षेत्र में पंचायत विभाग के तहत सचिव और प्रधान व तत्कालीन डीपीआरओ ने मिलकर भ्रष्टाचार किया। मामला न्यायालय में भी गया और जांच भी हुई जिसमें सभी दोषी पाए गएए लेकिन तीन वर्षों तक मामले को दबाए रखा गया। अब फिर से प्रशासन के जिम्मेदार अफसरों ने संज्ञान लिया तो तत्कालीन सचिव व ग्राम प्रधान पर प्राथमिकी दर्ज कराने को आदेश डीपीआरओ ने किया है।
सहसवान बीडीओ व एडीओ पंचायत ने दर्ज कराया मुकदमा
डीपीआरओ श्रेया मिश्रा ने सहायक विकास अधिकारी पंचायत सहसवान व बीडीओ सहसवान को प्राथमिकी दर्ज कराने को लिखा है। जिसमें कहा कि न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 27 अगस्त वर्ष 2019 के शिकायती पत्र पर आदेश दिया। रामपाल सिंह पुत्र लाखन सिंह निवासी बिहारीपुर कौल्हाई ब्लाक सहसवान के द्वारा शकुंतला देवी पत्नी पप्पू शर्मा ए रामौतार शर्मा सचिव कौल्हाईए जीपी कुशवाह बीडीओ सहसवान एवं राजीव कुमार मौर्य जिला पंचायत राज अधिकारी ने मिलकर भ्रष्टाचार किया है। विवेचना कराने के लिए सीजेएम कोर्ट ने आदेश दिया है। सीडीओ ने जांच को डीपीआरओ से कमेटी गठित करने के लिए आदेशित किया। जिसमें बीएसए अथवा नोडल अधिकारी सहसवान को अध्यक्ष व बीडीओ ससहसवान को सदस्य व सहायक अभियंता डीआरडीए सदस्य बनाए गए हैं। कमेटी द्वारा 25 अक्टूबर 2019 को जांच रिपोर्ट सौंपी गई। संयुक्त जांच आख्या में ग्राम पंचायत कौल्हाई तत्कालीन ग्राम प्रधान शकुंतला देवी व अन्य तत्कालीन सचिव कृष्णपाल सिंहए ग्राम पंचायत अधिकारीए ग्राम विकास अधिकारी रामौतार शर्मा द्वारा ग्राम पंचायत में लगाई गई सौर ऊर्जा लाइटों एवं कूड़ेदान की खरीद में अनियमितताओं पाई गई। जिसमें शासकीय धनराशि 15ए90ए785 रुपये का संयुक्त रूप का गबन के दोषी पाए गए। फिलहाल इस जांच में तत्कालीन डीपीआरओ राजीव कुमार मौर्य को कमेटी ने कार्रवाई से बाहर कर दिया और दोषी सचिव व ग्राम प्रधान को ठहरा दिया। इसके बाद तीनों दोषियों पर गबन धनराशि वसूलने का आदेश दिया गया। जिसमें प्रत्येक से 530261 रुपये जमा कराने को आदेश दिया गया। इन तीनों दोषियों के खिलाफ अब डीएम के निर्देशन पर एफआईआर दर्ज कराने को आदेश दिया गया है।
कूड़ेदान में भी किया घपला
कमेटी की जांच रिपोर्ट के अनुसार प्रधान सचिव ने मिलकर कूड़ेदान में भी घपला किया है। बताया जा रहा है कि गांव में कूड़ेदान जो खरीदे गए थे उस समय उसका रेट बाजार में 3200 रुपये था लेकिन इन्होंने 7500 रुपये के हिसाब से खरीद लिए थेए जो साफ भ्रष्टाचार था। इसीलिए दोषी करार हुए।
नेडा की रिपोर्ट ने भी दिया दोषी करार
सहसवान के गांव बिहारी पुरए कौल्हाई में सचिव व ग्राम प्रधान द्वारा मिलकर सौर ऊर्जा की लाइटें 12 लाख रुपये से अधिक की लागई गईं थीं। इसको लेकर डीएम ने यूपी नेडा विभाग से रिपोर्ट मांगी तो उन्होंने वर्ष 2017 की गाइड लाइन के साथ रिपोर्ट दी कि गांव में ग्राम पंचायतों में यूपी नेडा के अलावा ग्राम पंचायत को लाइटें लगाना आदेश नहीं है।
क्या कहते हैं अधिकारी
जिला पंचायत राज अधिकारी श्रेया मिश्रा का कहना है कि सहसवान के बिहारी व कौल्हाई में तत्कालीन ग्राम प्रधान व सचिव ने सौर ऊर्जा लाइटें लगाईं गई थीं जो नियम के विरूद्ध हैं तथा कूड़ेदान खरीद में अनियमितता बरती गई। काफी समय से मामला क्यों दबा तो मुझे जानकारी नहीं है डीएम के आदेश पर अब एफआईआर कराई जा रही है।
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