बदायूं। सहसवान कोतवाली परिसर में आत्मदाह का प्रयास करने का मामला राजनीतिक गलियारों से निकलकर यहां तक पहुंचा है। कोतवाली में अनसुनी करने पर पहले पीड़ित कई बार माननीय के पास गया लेकिन माननीय अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकते रहे और नौबत आत्मदाह तक पहुंच गई। अगर माननीय दोनों पक्षों को सुनकर फैसला करा देते तो आज पुलिस और प्रशासन को यह टेंशन नहीं होती और कोतवाली में जाकर पीड़ित आत्मदाह का प्रयास नहीं करता।
सहसवान कोतवाली क्षेत्र के केशौ की मढैया गांव का मामला पिछले काफी समय से चल रहा है। 3 महीने पहले बकरी को लेकर हुआ विवाद हुआ और फिर जनवरी महीने में 9 तारीख को मारपीट तक पहुंच गया। पुलिस पक्षपात करती रही और श्रीपाल पक्ष पीड़ित होने के बाद ही परेशान रहा। श्रीपाल के भाई कुंवरपाल ने सोमवार की रात घटना के बाद बताया कि मामले को लेकर वह कई बार माननीय के पास गए। माननीय से न्याय दिलाने की गुहार लगाई और फैसला कराने के लिए भी कहा। बताया भी था कि सहसवान कोतवाली पुलिस उनके साथ पक्षपात कर रही है और उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। पीड़ित होने के बाद भी पुलिस दबाव बनाती है और घर जाकर धमकाती है लेकिन जानकारी के अनुसार माननीय अपनी राजनीतिक दांवपेच खेलते रहे और आश्वासन देते रहे लेकिन पीड़ितों की नहीं सुनी। माननीय ने वोट बैंक की राजनीति के लिए अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकी और आखिरकार पीड़ित परेशान होकर कोतवाली परिसर पहुंचा और आत्मदाह का प्रयास किया जिसमें बुरी तरह झुलस गया। अब पुलिस अधिकारियों के सामने जब यह बात खुली तो अधिकारियों ने भी पल्ला झाड़ते हुए कह दिया कि अगर कोई ऐसी बात थी तो हमारे पास आना चाहिए था कार्रवाई हम करते हैं माननीय थोड़ी करेंगे। बरहाल एक माननीय की राजनीति के चलते श्रीपाल को जिंदगी मौत से जूझना पड़ रहा है।
यादव बाद का लगाया दाग
कोतवाली में आत्मदाह का प्रयास करने वाले श्रीपाल और दूसरे पक्ष से विक्रम दोनों का मौसेरे भाई का रिश्ता है और दोनों परिवार ही यादव समाज से हैं। माननीय उनसे यह भी कहा था तुम यादव समाज से हो इसलिए फैसला नहीं कर सकते। यादव समाज से होने की वजह से उनका फैसला नहीं किया और यह नौबत आ गई।
इस्लामनगर में पावर सीज करा चुके हैं माननीय
जिस माननीय की वजह से युवक को आत्मदाह का प्रयास करना पड़ा उसी माननीय के बड़े बड़े कारनामे भी हैं। जानकारी के अनुसार कुर्सी पर बैठने के बाद इस्लाम नगर क्षेत्र के यादव समाज से एक ग्राम प्रधान है उनकी पावर भी माननीय सीज कर आ चुके हैं। जिसका फजीता भी काफी फैला रहा था।
कुराऊ गांव में भी दो पक्ष को बढ़ाने की की थी कोशिश
माननीय क्षेत्र में पक्षपात की राजनीति कर रहे हैं उनके पक्षपात का कोई एक मामला नहीं है पिछले दिनों उन्होंने सदर तहसील के कुराऊ गांव में दो पक्षों के बीच पक्षपात की राजनीति कर बढ़ाने की कोशिश की थी। मारपीट के बाद दो पक्ष थाने पहुंचे थे और विवाद काफी बड़ा था। माननीय दोनों पक्षों को आपस में भिड़ाते रहे और पीछे से फैसला का आश्वासन देते रहे।
शहर में भी जमीन पर कब्जा के मामले में चर्चित रहे हैं माननीय
माननीय के किस्से शहर से लेकर गांव तक चर्चा में है। सिविल लाइन क्षेत्र में रहने वाले माननीय काफी चर्चित है उन्होंने भी अवैध कब्जे किए हैं। सिविल लाइन क्षेत्र में खाली प्लाट पर कब्जा करने का भी मामला सामने आया था और पीड़ित ने जिला प्रशासन से लेकर शासन तक शिकायत की थी लेकिन माननीय के चलते वह बेबस हो गया। माननीय ने दोनों प्लाटों पर कब्जा कर हड़प लिया।
चेयरमैन ने भी नहीं सुनी थी पीड़ित की बात
मेडिकल कालेज में पीड़ित के भाई कुंवर0पाल ने यह भी बताया कि वह माननीय के अलावा एक चेयरमैन के पास भी अपना मामला लेकर गया था और फैसला कराने को कहा लेकिन चेयरमैन ने भी अनसुनी कर दी थी और विवाद यहां तक पहुंच गया।
कुर्सी पर बैठने के बाद द्वेष भावना करने लगे हैं माननीय
माननीय को कुर्सी पर बैठे अभी एक वर्ष भी नहीं हुआ है मगर अभी से दुरुपयोग करने लगे हैं। पावर में आकर लोगों पर द्वेष भावना से कार्रवाई करने लगे हैं। उनके खिलाफ आवाज उठाने वालों पर वह कार्रवाई करा देते हैं इसलिए चुप रहना लोगों की मजबूरी है।
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