बदायूं : साधू और सूफी संतों की नगरी धार्मिक क्षेत्र में भी बदलती जा रही है बदायूं के धार्मिक स्थल देश और प्रदेश में विख्यात हैं अब यह धार्मिक स्थल धर्मप्रेमियों के लिए पयर्टन स्थल बनते जा रहे हैं शहर व देहात के प्राचीन मंदिर और कछला गंगा घाट की गंगा महा आरती भक्तों के लिए पटर्यन स्थल के रूप विकसित हो रहे हैं यहां के स्थल अब घूमने लायक बनते जा रहे हैं लोग दूरदराज से गंगा आरती में शामिल हो रहे हैं। गंगा घाट को तो वहीं श्रीसंकट मोचन बालाजी दरबार भी लोगों के लिए श्रद्धा का स्थल है इसके अलावा शहर का बिरूआबाड़ी मंदिर और नगला शक्तिपीठ भी आस्था और श्रद्धा का स्थल है।
यह हैं बदायूं के प्रमुख धार्मिक स्थल—
श्रीसहस्त्रधाम गौरीशंकर देवालय
बदायूं : शहर का श्रीसहस्त्रधाम गौरी शंकर देवालय एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर शिव भगवानजी को समर्पित है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर है। यह मंदिर बदायूं शहर में उसावा रोड में स्थित है। इस मंदिर में आपको भारत का एकमात्र रसलिंग देखने के लिए मिलता है। रेसलिंग का अर्थ होता है स्वर्ण और पारे से बना हुआ शिवलिंग। इस शिवलिंग में सप्तधातु भी मिलाई गई है। यह शिवलिंग बहुत सुंदर है और बहुत ही आकर्षक लगता है। यह शिवलिंग चांदी की जिलहरी में विराजमान है। यहां पर बहुत सारे भक्त शिव भगवानजी के दर्शन करने के लिए आते हैं। 2001 में श्रीराम शरण रस्तोगी ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। इस मंदिर में महाशिवरात्रि और सावन सोमवार के समय बहुत ज्यादा भीड़ रहती है।
शहर का बिरूआबाड़ी मंदिर
बदायूं : शहर का बिरुआवाड़ी मंदिर एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर शिव भगवानजी को समर्पित है। यह प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर में शिव भगवानजी का शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। महाशिवरात्रि में इस मंदिर में बहुत ज्यादा भीड़ रहती है। यह मंदिर बदायूं शहर के बीच में लालपुल-कोतवाली से खेड़ा नवादा मार्ग पर पथिक चौक के पास स्थित है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। यह मंदिर बदायूं शहर का बहुत बड़ा मंदिर है। यहां पर गार्डन भी बना हुआ है, जहां पर आप शांति से बैठ सकते हैं। यह बदायूं शहर में घूमने लायक जगह है।
नगला देवी शक्तिपीठ
बदायूं : शहर में एमएफ हाईवे पर इंदिरा चौक से पहले पूर्व दिशा में गांव नगला शर्की स्थित है। नागला मंदिर को नगला शक्तिपीठ कहा जाता है यह मंदिर शहर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर काली माता को समर्पित है। मंदिर में काली माता की बहुत ही सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर बहुत ही अच्छी तरह बना हुआ है। यहां आकर शांति मिलती है। यहां पर नवरात्रि के समय बहुत भीड़ लगती है।
प्रसिद्ध मंदिर श्रीसंकट मोचन बालाजी दरबार
बदायूं : शहर का श्री संकट मोचन बालाजी दरबार एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। इस मंदिर को हनुमानगढ़ी मंदिर भी कहा जाता है। यह मंदिर बरेली-मथुरा हाईवे पर नौशेरा गांव से पहले ही रोड़ किनारे स्थापित है। यहां पर हनुमान जी की बहुत विशाल प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते है। यह मंदिर बहुत सुंदर है और हनुमान जी की प्रतिमा बहुत विशाल और अद्भुत लगती है। मंदिर के अंदर और भी बहुत सारे देवी देवता विराजमान है। मंदिर के अंदर आपको हनुमान जी, शिव शंकर जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
बदायूं का भागीरथ घाट कछला
बदायूं : भागीरथी घाट बदायूं शहर में कछला में स्थित एक सुंदर स्थल है। यहां पर गंगा नदी के किनारे सुंदर घाट बना हुआ है। यह घाट बहुत ही अच्छा है। यहां गंगा नदी का दृश्य बहुत ही जबरदस्त रहता है। यहां पर बहुत सारे लोग आकर स्नान करते हैं और यहां पर गंगा नदी का आरती स्थल भी बना हुआ है, जहां पर प्रतिदिन गंगा नदी की आरती की जाती है। घाट के किनारे गंगा माता मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर गंगा नदी से दूसरे तरफ जाने के लिए ब्रिज भी बना हुआ है। यहां पर आकर आप अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। यहां पर बहुत सारे मंदिर भी हैं, जो सुंदर हैं और यहां पर आकर शांति मिलती है।
भक्तों की मुराद पूरी करतीं राजराजेश्वरी मंगला माता देवी
वजीरगंज : नगर से करीब एक किमी दूर वजीरगंज-आंवला मार्ग पर स्थित श्रीराजराजेश्वरी मंगला माता के मंदिर में वैसे तो रोजाना भक्त दर्शन को जाते हैं। चैत्र मास की पूर्णिमा से खेरे लगने वाले देवी मेला पर भक्तों का रेला उमड़ता है। मंगला माता के मंदिर को लेकर कई किदवंतियां प्रचलित हैं। मंदिर कितना पुराना है? इस संबंध में कोई ठोस जानकारी तो नहीं है, लेकिन बुजुर्गों के अनुसार 18वीं सदी में यहां देवी मठ का निर्माण हुआ था। अभिलेखों में आज भी इस टीले का नाम गैर आबाद ग्राम मई के नाम से दर्ज है। मां की प्रतिमा लाल पत्थर की करीब तीन फिट लंबी है। प्रतिमा के दाएं-बाएं एवं मध्य में तीन देवियों के प्रतिरूप बड़े आकार में हैं।
लाला हर प्रसाद शिव मंदिर
बदायूं : शहर के बरेली-मथुरा और मुरादाबाद-फर्रूखाबाद हाईवे पर पुरानी चुंगी से पहले पश्चिम दिशा में लाला हरप्रसाद का मंदिर है। सैकड़ों वर्ष पुराने मंदिर की दूर-दूर तक मान्यता है। यहां सावन के महीने में भक्तों का सैलाब रहता है। नवरात्रों के दिनों में भी भक्तों की लंबी कतारें लगती हैं। यह मंदिर लाला हरप्रसाद ने अपने खेत की बगिया में निर्माण कराया था। बताया जाता है कि लाला हरप्रसाद को स्वप्न में भगवान शिव दिखाई दिए थे और इसके बाद उन्होंने मंदिर का निर्माण कराया था।
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