बदायूं। जिला अस्पताल की कारगुजारी आए दिन यूपी सरकार पर सवाल खड़े करने का काम करती है। अफसरों की अनदेखी और स्टाफ की लापरवाही के मामले आए दिन सामने आते हैं। अब तक केवल मुर्दा दुर्दशा के साथ जिला अस्पताल से पोस्टमार्टम तक जाते थे लेकिन अब तो घायलों की भी दुर्दशा होने लगी है। पुलिस कर्मी घायलों को घटना स्थल से लेकर आते हैं या फिर एबुलेंस कर्मी लेकर आते हैं लेकिन जिला अस्पताल की इमरजेंसी पर स्टाफ गाड़ी से उतारकर इमरजेंसी तक ले जाना तो दूर की बात है यहां स्ट्रेचर भी देने से मना करने लगे हैं इसलिए मरीजों को हाथ पैर पकड़कर लटकाकर ले जाने लगे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर ने झकझोर दी मानवता
सोमवार को जिला अस्पताल की इमरजेंसी की बाहर मरीज को लटकाकर इमरजेंसी तक ले जाने की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। सोशल मीडिया पर इसकी वीडियो वायरल हो रही है। इमसें पुलिस कर्मी और कुछ लोग घायल युवक को लटकाकर ले जा रहे हैं। वीडियो और तस्वीर देखकर जरूर आपको लग रहा होगा कि इनमें मानवता नहीं है लेकिन ऐसा नहीं है। अगर यह पुलिस कर्मी और प्रत्यक्षदर्शी ऐसे नहीं ले जाते तो इस घायल वैन चालक को इलाज भी नसीब नहीं होता। मानवता को शर्मशार करने वाली तस्वीर के लिए जिम्मेदार जिला अस्पताल का स्टाफ और पूरा सिस्टम है। यहां अलापुर पुलिस के कर्मी घायल को गाड़ी से लेकर पहुंचे तो पहले काफी देर इंतजार करते रहे इसके बाद स्ट्रेचर मांगा तो स्टाफ ने मनाकर करके कह दिया। कि स्ट्रेचर क्या घर से लाएं कहां से लाएं यहां नहीं हैं तो एक.दो स्ट्रेचर है तो उसको नेता लेकर एक्स.रे रूम में चले गए। स्टाफ के शब्दों से साफ है कि सीएमएस व्यवस्थाओं पर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं।
कुर्सी से नहीं उठे डाक्टर
जिला अस्पताल के इमरजेंसी में दोपहर को पुलिस कर्मी पहुंचे और घायल को अंदर ले जाने के लिए स्ट्रैचर मांगा तो स्टाफ ने मना कर दिया। उन्होंने डाक्टर से भी कहा लेकिन डाक्टर भी कुर्सी से नहीं उठे। मरीज को पुलिस कर्मी मजबूरी में हाथों से पकड़कर लाए।
यह घटना का मामला
एमएफ हाईवे पर सोमवार को अलापुर थाना क्षेत्र में घड़ा कंचनपुर गांव के पास मारुति वैन की एक अन्य वाहन से टक्कर हुई। जबकि इसके बाद वैन का ड्राइवर वहां से भाग निकला। पुलिस मौके पर पहुंची तो आसपास के लोगों ने बताया कि ड्राइवर भाग गया है। पुलिस उसकी तलाश में खेतों की ओर गई तो वहां ड्राइवर बेहोशी की हालत में पड़ा मिला। पुलिसकर्मी उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन यहां स्ट्रेचर एक भी नहीं था। पुलिस कर्मी स्ट्रैचर को मांगते रहे लेकिन कर्मचारियों ने साफ कह दिया कि स्ट्रेचर नहीं है तो कहां से लेकर आएं।
संज्ञान लेने की जगह सीएमएस बोले सभी हैं व्यवस्थाएं
जिला अस्पताल के सीएमएस डा. बीबी राम ने बताया कि इमरजेंसी गेट पर हमेशा एक स्ट्रेचर समेत कर्मचारी तैनात रहता है। व्यवस्था काफी मजबूत है जबकि बेहोश ड्राइवर को ले जाने का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। सीएमएस ने इमरजेंसी जाने की जहमत तक नहीं उठाई और व्यवस्थाओं के बारे में नहीं जाना है। ऐसा मामला कोई पहली बार नहीं आया है पहले भी कई बार मामले सामने आ चुके हैं।