बदायूं। पंजाबी समाज से ताल्लुक रखने वाले सरदार मोहर सिंह निशंतान हैं। परिवार का वंश चलाने के लिए उन्होंने एक बेटी को गोद लेकर अपनी बेटी जैसा प्यार दिया और रिश्ता तो बना लिया लेकिन खून का रिश्ता बनाना उनकी किस्मत में नहीं है। गोद ली बेटी बीमार पड़ी और फिर ब्लड की जरूरत पड़ी तो उस बेटी के जीवन में फरिश्ता बनकर शानू आए और उन्होंने अपना रक्तदान कर बच्ची का जीवन सुरक्षित किया है।
शुक्रवार को जिला अस्पताल की ब्लडबैंक में तैनात एलटी शहरोज खान उर्फ शानू ने बच्ची प्रिंसी को रक्तदान किया है। बतादें कि म्याऊं क्षेत्र में काफी समय से सरदार मोहर सिंह रहते हैं उनकी म्याऊं में जमीन है और लंबे समय से रहते हैं। वैसे सरदार मोहर सिंह पंजाब के रहने वाले हैं उनके कोई संतान नहीं है उन्होंने कुछ समय पहले ही पंजाब के रहने वाले धर्मवीर की बच्ची को गोद लिया है। सरदार मोहर सिंह खेती किसानी का काम करते हैं अधिकांश यहीं रहते हैं कभी.कभी पंजाब अपने मूल गांव जाते हैं। सरदार मोहर सिंह की बेटी प्रिंसी की काफी दिनों से तबीयत खराब है वह एनीमिक है। डाक्टरों ने ब्लड को कहाए तो सरदार मोहर सिंह के परिवार में किसी का ब्लडग्रुप ओ.पाजीटिव नहीं निकला। काफी तालाशा लेकिन नहीं मिला तो जिला अस्पताल के एलटी शानू ने अपना रक्तदान किया है। इस दौरान बेटी प्रिंसी के पिता काफी भावुक दिखे हैं।
22वीं बार किया रक्तदान
शहर के मुहल्ला कबूलपुरा निवासी शहरोज खान उर्फ शानू जिला अस्पताल ब्लडबैंक में एलटी पद पर कर्मचारी है। शानू रक्तदान में काफी रूचि रखते हैं। छात्र जीवन से ही उन्होंने रक्तदान शुरू किया। उन्होंने अब तक 21 बार रक्तदान किया था। शुक्रवार को बच्ची को 22वीं बार रक्तदान किया है। उनको सबसे पहले रक्तदान की प्रेरणा दिल्ली में हास्टल में पढ़ाई के दौरान मिली थी। रेडियो पर उन्होंने एक बच्ची के बारे में सुना था और फिर बच्ची के लिए पहली बार रक्तदान किया था।