नई दिल्ली, (ब्योरो )। रमजान के मुबारक महीने के बाद ईद-उल-फ़ितर कल (शनिवार) यानी 22 अप्रैल को मनाई जाएगी। पूर्वी दिल्ली में ईद का चांद नजर आ गया। इस त्योहार को मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता है। इस दौरान लोग अपने मेहमानों को मीठे व्यंजन ज्यादा खिलाते हैं। ईद-उल-फ़ितर सेवइंया और फिरनी के अलावा और भी पकवान बनाए जाते हैं। दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में ईद की पूर्व संध्या पर बहुत भीड़ दिखी। जामा मस्जिद में नमाजी बड़ी मात्रा दिखाई दिए। मुस्लिम समुदाय के लोगों का आज आखिरी रोजा रहा, जुमे के दिन अपनी आखिरी इफ्तार भी की। रमजान का महीना 24 मार्च से शुरू हुआ था।
जानिए ईद का महत्व
रमजान का पवित्र महीना ईद-उल-फ़ितर के साथ खत्म हो जाएगा। आज चांद दिखने के बाद कल ईद मनाई जाएगी। इस त्योहार को मुस्लिम समुदाय के लोग बहुत धूमधाम से मनाते हैं। रमजान का पवित्र महीना 29 या 30 दिन चलता है। यह त्योहार शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है – वह महीना जो हिजरी कैलेंडर में रमजान के बाद आता है। इसके अलावा, क्योंकि इस्लामिक कैलेंड चांद पर निर्भर करता है, इसलिए हर साल तारीख भी चांद के अनुसार अलग होती है। ईद-उल-फ़ितर शव्वाल महीने की शुरुआत में आता है, इसलिए अलग-अलग देशों में इसे अलग-अलग दिन मनाया जाता है। इस्लामिक कैलेंडर में हर महीने में 29 या 30 दिन होते हैं। ईद-उल-फितर के बाद मुस्लमान समुदाय ईद-उल-जुहा भी मनाता है।
ईद-उल-फ़ितर का इतिहास
पहली ईद उल-फ़ितर पैगम्बर मुहम्मद ने सन 624 ईसवी में जंग-ए-बदर के बाद मनाई थी। ईद उल फ़ितर के अवसर पर पूरे महीने अल्लाह की इबादत की जाती है, रोज़ा रखा जाता है और कुरान पढ़ा जाता है। जिसके बाद मजदूरी मिलने का दिन ही ईद का दिन कहलाता है। ईद उल-फ़ितर का मक्सद यह भी है कि हम गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें। समाज में एक दूसरे के साथ खुशियां बांट सकें। इसलिए इस दिन गरीबों को ज़क़ात भी दी जाती है, ताकि वे भी ईद मना सकें। ईद भाई चारे और आपसी मेल का त्योहार है। ईद के दिन लोग एक दूसरे के दिल में प्यार बढ़ाने और नफरत को मिटाने के लिए एक दूसरे से गले मिलते हैं।