नया बदायूं

देखिए बदायूं में पशुपालन विभाग के भ्रष्ट अफसर कैसे खा रहे छुट्टा गोवंशों के चारा को दिए जाने वाला धन

वायरल वीडियो की तस्वीर।

बदायूं। योगी सरकार के सख्त रवैया और केंद्र सरकार के डिजिटलीकरण के बाद भी जनपद के भ्रष्ट अफसर सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। जब खातों में सीधे पैसा जाने लगा तो घर जाकर लोगों से पैसा की वसूली होने लगी। इतना ही नहीं इंसानियत और मानवता को तार.तार करने वाली वीडियो दहगवां के पशु अस्पताल पर तैनात अधिकारी की हुई है। जिन्हें पशुओं के भेट भरने को सरकार से मिल रही इमदाद में भी कमीशन चाहिए। कमीशन भी मन मर्जी का चाहिए। यहां तक कि किसान ने कमीशन कम दिया तो भ्रष्ट अफसर सीधे गाली गलौच पर उतर आए। फिलहाल वीडियो की पुष्टी (नया बदायूं डाट काम) नहीं करता है।

छुट्टा गोवंश की तस्वीर।

गाली देकर कमीशन मांगते पशुपालन विभाग के अफसर

जिले में इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है। जानकारी करने के बाद पता चला कि यह वीडियो दहगवां ब्लाक पर संचालित पश अस्पताल पर तैनात पशुधन प्रसार अधिकारी प्रेमपाल सिंह का है। वीडियो में पशुधन प्रसार अधिकारी प्रेमपाल सिंह क्षेत्र के गांव हमपुर चमनपुरा पहुंचकर किसानों से छुट्टा गोवंश पशु सुपुर्दगी के बाद चारा को दी जाने वाली धनराशि की कमीशन एकत्र कर रहे हैं। बतादें कि एक पशु को प्रति दिन तीस रुपये चारा खिलाने के लिए दिया जाता है उसमें भी भ्रष्ट अफसरों को कमीशन चाहिए।  ग्रामीणों ने कमीशन एकत्र कर दी लेकिन वायरल वीडियो के अनुसार पशुधन प्रसार अधिकारी को पांच सौ और एक हजार व दो हजार नहीं पूरी 30 प्रतिशत कमीशन चाहिए। पशुपालकों ने कमीशन कम दी तो उन्होंने गाली गलौच करके भी बात की है। वायरल वीडियो ने पशुपालन विभाग की फजीहत करा दी है कि विभाग में ऐसे.ऐसे अधिकारी हैं जिनको पशुओं के चारा को दी जाने वाली धनराशि में से भी कमीशन चाहिए। अगर भ्रष्ट अफसर पशुओं के चारा का पैसा खाते रहेंगे तो फिर योगी सरकार गोवंश को संरक्षण देने में कैसे सफल होगी यह सवाल हर कोई कर रहा है।

 

भ्रष्ट अफसरों ने गांव.गांव पाल रखे हैं दलाल
दहगवां में पशुधन प्रसार अधिकारी प्रेमपाल की वायरल वीडियो के अनुसार गांव.गांव दलाल पाल रखे हैं वहीं लोगों को पशु सुपुर्दगी के नाम पर पैसा दिलाते हैं वही कमीशन एकत्र करके देते हैं। वायरल वीडियो में व्यक्ति कह रहा है कि काम हमी कराते हैं और अगर इस बार भूपाल कमीशन पूरी नहीं देगा तो फिर आगे से पैसा नहीं ले पाएगा।

 

भ्रष्ट अफसरों को चाहिए मोटी कमीशन
दहगवां पशु अस्पताल के पशुधन प्रसार अधिकारी की वायरल वीडियो साफ कह रही है कि उनको मोटी कमीशन चाहिए। वीडियो में व्यक्ति भूपाल के 15 सौ लेने से पहले मना किया फिर खुद ही अधिकारी जोड़कर बताते हैं कि 15 हजार 600 रुपये की कमीशन 4500 रुपये हुई तो व्यक्ति कहता है कि एक हजार रुपये रख लो बाकी बाद में दिला दूंगा तो अधिकारी कहते हैं एक साथ देना थोड़े.थोड़े मत दो। दूसरा व्यक्ति अपने पांच सौ रुपये देता है तो वह मना करते हैं कहते हैं पांच.पांच सौ रुपये नहीं चाहिए।

 

यह है पैसा जाने की प्रक्रिया
छुट्टा गोवंश सुपुर्दगी लेने वाले किसानों एवं गोशालाओं को पैसा भेजने के लिए व्यवस्था तो डिजिटिलीकरण है। मगर इसमें भी अफसर सेंधमारी कर रहे हैं। इसके लिए पशुपालन विभाग पैसा सीधे संबधित ब्लाक के बीडीओ के पैसा भेज रहा है।इसके बाद ब्लाक से बीडीओ पैसा पशुपालक के खाते में पैसा भेजते हैं।

 

यह टीम करती सत्यापन
सुपुर्दगी वाले पशुओं को जो पैसा पशुपालन विभाग देता है उसकी सत्यापन रिपोर्ट भी लेता है। सत्यापन के लिए ब्लाक से बीडीओ अपने सचिव को लगाते हैं और तहसील प्रशासन अपने लेखपाल को लगाते हैं एवं पशुपालन विभाग की ओर से डाक्टर व पशुधन प्रसार अधिकारी सत्यापन करते हैं। इससे साफ हो चुका है कि पशुधन प्रसार अधिकारी वीडियो इसी भ्रष्टाचार को लेकर वायरल की गई है।

 

क्या कहते हैं पशुधन प्रसार अधिकारी
दहगवां ब्लाक पशु अस्पताल पर तैनात पशुधन प्रसार अधिकारी प्रेमपाल से उनकी भ्रष्टाचार वाली वायरल वीडियो के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वीडियो वायरल हुई है। कहा कि वीडियो पैरावेट ने वायरल की है पैरावेट पर उनके पैसा आ रहे हैं वह अपने पैसा मांगते हैं तो वह देता नहीं है। पैसा न मांगे और दबाव बनाने के लिए उनकी वीडियो वायरल की है उनको बदनाम करने की कोशिश की है। कहा कि यह पैसा पशुओं को लेकर नहीं है उधारी पैसा की बात है और ब्याज का 30 प्रतिशत मांग रहे हैं।

 

क्या कहते हैं मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी
जिले के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाण् निरंकार मलिक ने बताया कि दहगवां पशुधन प्रसार अधिकारी प्रेमपाल की वीडियो आई है। मामले की जांच कराई जाएगी। पशुधन प्रसार अधिकारी को यह सब नहीं करना चाहिए। वायरल वीडियो मेरे पास भी आई है मैने देखी है विभाग को शर्मिंदा करने वाली वीडियो है निश्चित जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

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