बदायूं। शहर के बरेली रोड स्थित पुरानी चुंगी दुर्गा मंदिर पर श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिवस पर कथावाचक आचार्य त्रिलोक कृष्ण मुरारी ने वामन देव व श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा का व्याख्यान किया। इस दौरान श्रोता सुंदर भजनों पर थिरकते रहे।
कथावाचक आचार्य त्रिलोक कृष्ण मुरारी ने कहा की श्रीमद्भागवत कथा सुनने से मनुष्य के कई जन्मों के पापों का क्षय हो जाता है। हमें भागवत कथा सुनने के साथ साथ उसकी शिक्षाओं पर भी अमल करना चाहिए। भागवत कथा के चौथे दिवस पर प्रसंग में उन्होंने बताया कि वामन अवतार के रूप में भगवान विष्णु ने राजा बलि को यह शिक्षा दी कि दंभ तथा अंहकार से जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होता और यह भी बताया कि यह धनसंपदा क्षणभंगुर होती है। इसलिए इस जीवन में परोपकार करों। उन्होंने कहा कि अहंकार व गर्व एवं घृणा और ईष्र्या से मुक्त होने पर ही मनुष्य को ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। यदि हम संसार में पूरी तरह मोहग्रस्त और लिप्त रहते हुए सांसारिक जीवन जीते है तो हमारी सारी भक्ति एक दिखावा ही रह जाएगी। कथा के दौरान वामन अवतार की झांकी दिखाई गई इस दौरान जीवंत झांकियों के साथ श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। पूरा पंडाल नंद के घर आनंद भयो व जय कन्हैया लाल की के उद्घोष से गूंज उठा। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय सभी श्रोता झूमने और नाचने लगे। सुमधुर भजनों के साथ कथा श्रवण करने भक्तों की भीड़ उमड़ी रही। कार्यक्रम में मुख्य रूप से राजाराम कश्यप, पूर्व सभासद नन्हें लाल कश्यप, पुनीत कुमार कश्यप, योगेंद्र सागर, नितिन कश्यप, बसंत पटवा, आनंद कश्यप, हिमांशु कश्यप, श्रुति, प्रतिज्ञा, विशाल वैश्य, अशोक कुमार, अमन मिश्रा, गौरव कश्यप, साकेत मिश्रा, पंडित वैभव पाराशर काफी लोग मौजूद रहे।