नया बदायूं

रामचरित मानस को लेकर सपा एमएलसी पिता स्वामी प्रसाद के बयान के बचाव में आईं बदायूं भाजपा सांसद डा. संघमित्रा मौर्य

बदायूं भाजपा सांसद डा. संघमित्रा मौर्य।

बदायूं। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के पिछले कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री रहे तथा वर्तमान में सपा से एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को बकवास बताते हुए कुछ चौपाइयां हटवाने या पाबंदी की मांग कर अपना बयान जारी कर दिया था। जिसके बाद से उत्तर प्रदेश की राजनीति में माहौल को गरमा दिया है। इसके बाद समाजवादी पार्टी ने तो अपना पल्ला झाड़ लिया है लेकिन उनकी बेटी का बयान उनके पक्ष में आया है। उनकी बेटी और भाजपा बदायूं सांसद डाण् संघमित्रा मौर्य ने बचाव किया है। संघमित्रा का कहना है कि उनके पिता ने श्रीरामचरितमानस की जिस चौपाई का जिक्र करते हुए उसे आपत्तिजनक बताया है उस पर विद्वानों के साथ चर्चा की जानी चाहिए।YouTube video player

बुधवार को बदायूं पहुंची लोकसभा भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य ने मीडिया ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि हम तो हर चीज को सकारात्मक दृष्टि से लेते हैं जिनको आपत्ति हो रही है उन्हें सकारात्मक दृष्टि से देखना चाहिए कि जो व्यक्ति भगवान राम में नहीं भगवान बुद्ध में विश्वास रखता हो वह व्यक्ति भाजपा में पांच साल रहने के बाद भगवान राम में आस्था कर रहे हैं और भगवान राम में आस्था करने की वजह से ही राम चरित मानस को पढ़ा। हम सब स्कूलों से ही सीखते आ रहे है कि यदि कोई डाउट हो तो उसका क्लियर फिकेशन होना चाहिए ताकि आगे हमें किसी तरह की कोई दिक्कत न आए।

शबरी के झूठे पर का दिया उदाहरण
सांसद ने कहा कि पिता ने राम चरित मानस को पढ़ा और उन्होंने अगर उस लाइन को कोड किया तो शायद इसलिए कोड किया होगा हालांकि मेरी इस सम्बंध में उनसे बात नहीं हुई है। क्योंकि वह लाइन स्वयं भगवान राम के चरित्र के विपरीत है। जहां भगवान राम ने शबरी के झूठे बेर खाकर के जाति को महत्व नहीं दिया वहीं पर उस लाइन में जाति का वर्णन किया गया है।

विश्लेषण होना चाहिए
उस लाइन को उन्होंने डाउट फुल दृष्टि से कोड करके स्पष्टीकरण मांगा तो हमें लगता है स्पष्टीकरण होना चाहिए। बहुत से विद्वान हैं और यह विषय मीडिया में बैठकर बहस का नहीं है हमें लगता है विश्लेषण का बिषय है। इस पर विद्वानों के साथ बैठकर चर्चा होनी चाहिए कि वह लाइन है तो उसका क्या अर्थ है और उसका क्या मतलब है।

योगी सरकार में रहे कैबिनेट मंत्री
स्वामी प्रसाद मौर्य पूरे पांच साल तक भाजपा की सरकार में मंत्री रह चुके हैं लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़ते ही पार्टी को ष्राम का सौदागरष् बता दिया था। उन्होंने कहा कि भाजपा वाले राम का सौदा भी कर लेते हैं राम को भी बेच देते हैं।ष् उनके बयान पर बवाल होने के बाद उस समय भी समाजवादी पार्टी ने बयान से पल्ला झाड़ लिया था। यही नहींए चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़ने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी को सांप बता दिया था और कहा था कि ष्स्वामी रूपी नेवला बीजेपी को खा जाएगा।

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