बदायूं। जनपद की शिक्षा व्यवस्था धीरे-धीरे बदलाव की ओर है। स्वच्छता को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर बेसिक शिक्षा आमगांव का संविलियन विद्यालय पुरुस्कार पा चुका है अब जनपद के अंदर सरकारी स्कूलों के लिए बिनावर का जूनियर हाईस्कूल नजीर बन गया है। ग्राम पंचायत अधिकारी की पहल रंग लाई और पहला जूनियर हाईस्कूल जनपद का ऐसा बना है जहां खगोलीय प्रयोगशाला बनाई गई है। यहां शिक्षा व्यवस्था में बच्चे वैज्ञानिक तकनीकि शिक्षा का भी ज्ञान ले सकेंगे। लोकापर्ण के बाद खगोलीय प्रयोगशाला जनपद के अन्य विद्यालयों के लिए नजीर पेश कर रही है।
सदर विधायक ने किया खगोलीय विज्ञान प्रयोगशाला लोकापर्ण
सोमवार को सालारपुर ब्लाक की ग्राम पंचायत बिनावर के जूनियर हाईस्कूल में नगर विधायक महेश चंद्र गुप्ता और सीडीओ केशव कुमार ने खगोलीय प्रयोगशाला का लोकापर्ण किया। ग्राम पंचायत बिनावर के जूनियर हाई स्कूल विद्यालय परिसर में निर्माण कराई गई खगोलीय विज्ञान प्रयोगशाला ग्राम पंचायत की ओर से कराई गई है। जूनियर हाईस्कूल में खगोलीय विज्ञान प्रयोगशाला को देखकर काफी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग विज्ञान का युग है, अत्यंत प्रसन्नता एवं गर्व का विषय है कि ग्राम पंचायत स्तर पर सरकारी विद्यालय के बच्चे भी आधुनिक वैज्ञानिक जानकारी एवं शिक्षा इस खगोलीय विज्ञान लैब से ले सकेंगे। विधायक द्वारा सचिव की इस पहल की प्रशंसा की गई। कार्यक्रम में बीडीओ विजयंत कुमार सिंह, पंकज गुप्ता, तलत जहां प्रधानाध्यापिका जूनियर हाई स्कूल बिनावर, धीरेंद्र सिंह, मनोज चंदेल, रविंद्र चौहान, अंकित चौहान आदि मौजूद रहे।
जनपद की पहली खगोलीय विज्ञान प्रयोगशाला
बिनावर के जूनियर हाईस्कूल में खगोलीय विज्ञान प्रयोगशाला के उद्घाटन में पहुंचे सीडीओ केशव कुमार ने कहा कि यह खगोलीय विज्ञान प्रयोगशाला जनपद की पहले विद्यालय की प्रयोगशाला है। किसी भी सरकारी विद्यालयों में अब तक ऐसी प्रयोगशाला नहीं बनी है। कि यहां छात्र-छात्राएं शिक्षा के साथ-साथ खगोलीय विज्ञान की शिक्षा ले सकेंगे और शिक्षा के लिए एक नया माध्यम बनेगा। उन्होंने कहा कि यह माडल जनपद की अन्य ग्राम पंचायतों में लागू कर प्रयोगशालाएं बनाएंगे।
अंतरिक्ष के गृह भी देख सकेंगे बच्चे
खगोलीय विज्ञान प्रयोगशाला के उद्घाटन में डीपीआरओ श्रेया मिश्रा ने बताया कि ग्राम पंचायत बिनावर के सचिव पवन सक्सेना के प्रयास से यह लैब बनी है उन्होंने पहल करते हुए काफी प्रयास के बाद इसको तैयार कराया है। खगोलीय विज्ञान प्रयोगशाला से उसमें लगे उपकरण टेलिस्कोप आदि से बच्चे दूरस्थ अंतरिक्ष के ग्रह भी देख सकते हैं।
Discussion about this post