नया बदायूं

योगी दरबार : बदायूं में गंगा कटान रोकने को 12वीं बार मुख्यमंत्री योगी से लगेगी गुहार

बदायूं में गंगा कटान।

बदायूं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार से हर पीड़ित को आशा है कि उसकी सुनवाई होगी लेकिन बदायूं में गंगा नदी के कटान को लेकर समाजसेवी लगातार योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में जाकर अपनी गुहार लगा रहा है लेकिन एक बार भी सुनवाई नहीं हुई है। समाजसेवी का आशा है कि योगी आदित्यनाथ के दरबार में एक न एक दिन सुनवाई जरूर होगी उस दिन के इंतजार के लिए वह एक बार फिर से योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में जा रहा है। अब 12वीं बार जनता दरबार में योगी से मिलकर गंगा कटान से गांव की सुरक्षा के लिए मांग करेगा।

बदायूं में गंगा कटान।

बदायूं जनपद की तहसील सहसवान और विधानसभा बिल्सी तथा लोकसभा बदायूंं का क्षेत्र है। इस क्षेत्र में खिरकवारी सहित आसपास इलाके से गंगा नदी बह रही है। पिछले एक वर्ष से गंगा नदी लगातार कटान कर रही हैं। जिसकी वजह से ग्रामीणों को दिक्कत है। यहां के गांव तोफी नगला निवासी तिलक सिंह गंगा नदी के कटान रोकने को सुरक्षात्मक परियोजना को पिछले एक वर्ष से प्रयास कर रहे हैं। वह अब तक इस समस्या को लेकर प्रधानमंत्री को 21 बार रजिस्ट्री के माध्यम से शिकायत भेज चुके हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में 11 बार जाकर अपनी समस्या रख चुके हैं। पिछले वर्ष एक बार परियोजना स्वीकृत हुई थी लेकिन शासन स्तर से ही रिजेक्ट कर दी। इसके बाद जलशक्ति मंत्री सहित शासन स्तर पर दर्जनों बार शिकायत कर चुका है। अब तिलक सिंह फिर से 12वीं बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए जनता दरबार लखनऊ जा रहे हैं। वह सोमवार 30 जनवरी को मुख्यमंत्री से मुलाकात करके गंगा कटान समस्या को रखेंगे।

यह रिजेक्ट हो चुकी है परियोजना
गंगा नदी से कटान को लेकर पिछले एक वर्ष से लगातार प्रयास चल रहे हैं। समाजसेवी ने पिछले वर्ष प्रयास किया। इसके बाद बाढ़ खंड की ओर से प्रस्ताव के लिए परियोजना तैयार की। परियोजना 2 करोड़ 71 लाख 80 हजार रुपये की तैयार हुई। जनपद एवं कमिश्नरी से परियोजना पास हो गई और शासन स्तर से रिजेक्ट कर दी गई।

 

गंगा नदी के बांई ओर इन गांन को दिक्कत
गंगा नदी का कटान सहसवान क्षेत्र में बांई ओर कटान कर रही हैं। पिछले एक वर्ष से लगातार कटान हो रहा है अब गंगा नदी से गांव 200 से 300 मीटर दूर रह गए हैं। बांई ओर के गांव खिरकवारी व तोफी नगला एवं तेली नगला और कोटा नगला व आसे नगला कटान से खतरा में हैं। अगर कटान हुआ तो गांव के पुल व धर्मशाला एवं आंबेडकर पार्क और स्कूल हैं जिनको नुकसान हो जाएगा।

बांंध और पुल को भी खतरा
गंगा नदी का कटान ऐसे ही चलता रहा तो फिर गांव गंगा में समा जाएंगे इसके अलावा गंगा महावा पर बना बांध को भी नुकसान हो सकता है। इसके अलावा गंगा महावा बांध पर बने पुल को भी खतरा हो जाएगा। गंगा महावा नदी पर बने पुल का उद्घाटन भी नहीं हुआ है । गंगा महावा पुल 12 करोड़ 91 लाख 71 हजार का पुल बना है। कटान जारी रहा तो इस पुल के साथ.साथ गांव औरंगाबाद व जामुनी एवं नगला बरन व रज्जू नगला गांव कट जाएंगे।

 

क्या कहते हैं अधिकारी
बाढ़ खंड विभाग के अधिशासी अभियंता उमेश चंद्र का कहना है कि खिरकवारी के पास गंगा नदी के कटान को लेकर शासन को पिछले वर्ष परियोजना भेजी थी लेकिन किसी कारणवश रिजेक्ट हो गई थी लेकिन इस बार फिर से प्रयारसरत हैं। डीएम के साथ हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि परियोजना स्वीकृत हो जाए जिससे ग्रामीणों की समस्या का निस्तारण हो सके।

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