बदायूं : जिले को कुपोषण जैसी बीमारी से मुक्ति दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने बदायूं मिशन उत्कर्ष के लिए चयनित किया है। मिशन उत्कर्ष के लिए चयनित होते ही कुपोषित बच्चों को गांव देहात स्तर पर उपचार व्यवस्था दिलाने की तैयारी होने लगी है। न्याय पंचायत स्तर पर इसके लिए कुपोषण पुनर्वास केंद्र खोले जाएंगे। जिसमें बच्चों की चिकित्सा उपचार के साथ डाइटिंग के माध्यम से उनको रोग मुक्त किया जाएगा।
3488 अति गंभीर कुपोषित बच्चे
जिले में बाल विकास विभाग की ओर से 2940 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। जिनमें 2.88 लाख बच्चे पंजीकृत हैं। कुपोषण मुक्ति और उपचार के लिए जिले में केवल जिला अस्पताल में केंद्र है। वर्तमान में जिले में 3488 अति गंभीर कुपोषण के रोगी हैं इसके अलावा 8512 आंशिक गंभीर मरीज हैं।
जिले में खुलेंगे 136 कुपोषण पुर्नवास केंद्र
जनपद में 136 न्याय पंचायत हैं यहां 136 कुपोषण पुनर्वास केंद्र खोलने के लिए पिछले दिनों प्रस्ताव भी जा चुका है। इसके लिए सरकार ने इमेजिंग भी जारी कर दी है। यहां डाइटीशियन और अन्य स्टाफ तैनात रहेगा। सुबह शाम को न्यू पीएचसी पर तैनात डाक्टर उपचार देंगे और बच्चों की हालत को देखेंगे।
जनपद में 136 न्याय पंचायत हैं यहां 136 कुपोषण पुनर्वास केंद्र खोलने के लिए पिछले दिनों प्रस्ताव भी जा चुका है। इसके लिए सरकार ने इमेजिंग भी जारी कर दी है। यहां डाइटीशियन और अन्य स्टाफ तैनात रहेगा। सुबह शाम को न्यू पीएचसी पर तैनात डाक्टर उपचार देंगे और बच्चों की हालत को देखेंगे।
देहात के अस्पतालों को मिलेगा पुर्नजीवन
जिले में स्वास्थ्य विभाग का संसाधनों का जाल तो पुरा हुआ है लेकिन उनकी मानीट्रिंग ठीक से नहीं हो रही। इसलिए न्याय पंचायत स्तर पर संचालित न्यू पीएचसी बदहाल पड़े हैं। जिले में 136 न्याय पंचायत हैं जबकि स्वास्थ्य विभाग के 19 सीएचसी, पीएचसी और 43 न्यू पीएचसी हैं इसके अलावा 130 हेल्थ एवं वेलनेंस सेंटर हैं। अब केंद्र सरकार इन्हीं केंद्रों के भरोसे ही मिशन उत्कर्ष के तहत कुपोषण पुनर्वास केंद्र संचालित करने जा रही है। जिससे देहात के अस्पतालों को पुर्नजीवन मिल जाएगा।
क्या कहते हैं अधिकारी
प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी तरूण वर्मा का कहना है कि केंद्र सरकार ने जिले को उत्कर्ष मिशन के तहत चुना है। वर्तमान में प्रशिक्षण का दौर चल रहा है कार्य योजना बनाई गई हैं और शासन को भेजी गई हैं। केंद्र सरकार को भी कार्य योजना गई है जिसमें न्याय पंचायत स्तर पर कुपोषण पुनर्वास केंद्र संचालित करने का प्रस्ताव शामिल है।