बदायूं। जिला महिला अस्पताल में ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक की व्यवस्थाओं को बेहतर किया जा रहा है। यहां प्रसूताओं को लेकर व्यवस्थाएं तो काफी बेहतर हैं।प्रसूताओं को केवल आधार कार्ड दिखाने की जरूरत है। आधार कार्ड एक बार दिखाने के बाद प्रसूताओं को पूरा निशुल्क उपचार है। सामान्य मरीजों के पर्चा का एक रुपये लिया जाता है लेकिन प्रसूताओं को पूरी तरह सभी सुविधाएं फ्री हैं। वहीं डाक्टरों की उपस्थिति भी अब बेहतर हो गई है।
मंगलवार को जिला महिला अस्पताल में ओपीडी में एक साथ तीन.तीन विशेषज्ञ बैठीं और प्रसूताओं को उपचार दिया है। ओपीडी के एक कक्ष में डा. नाजिया बैठीं तो दूसरे कक्ष में डा. रूचि गुप्ता तथा डा. प्रियंका यादवए डा. राबिया बैठीं। जिन्होंने सुबह आठ से दो बजे तक ओपीडी में मरीजों को उपचार दिया। यह काफी दिन बाद एक साथ डाक्टरों ने बैठकर मरीज देखना शुरू किया है। अब डाक्टर समय से मरीजों को बैठकर ओपीडी में उपचार दे रहे हैं और इमरजेंसी ड्यूटी भी समय से हो रही है। मंगलवार को 400 प्रसूताओं को डाक्टरों ने देखकर उपचार दिया है। सीएमएस की मानें तो ओपीडी सर्दी की वजह से कुछ कम हुई है लेकिन व्यवस्थाएं बेहतर कर दी हैं। प्रसूताओं को बेहतर सुविधाएं देने के लिए काम किया जा रहा है।
दो-दो बाल रोग विशेष
जिला महिला अस्पताल की ओपीडी के हालात कुछ सुधरे हैं अब यहां एक साथ दो-दो बाल रोग विशेषज्ञ बैठने लगे हैं। पहले एक बाल रोग विशेषज्ञ बैठते थे तो एक गायब हो जाते थे अब एक साथ दो.दो बाल रोग विशेषज्ञ बैठे रहे। इसमें डा. संदीप कुमार के साथ ही कुमार वासू भी बैठ रहे हैं।
हर प्रसूता का पहले चेकअप फिर उपचार
जिला महिला अस्पताल की सुविधाओं को बेहतर किया जा रहा है। जिससे प्रसूताओं को बेहतर व्यवस्थाएं मिल सकें। जिला महिला अस्पताल में प्रसूताएं ओपीडी में जाती हैं तो उनका वजन पहले किया जाता है साथ ही बीपी चेक किया जाता है। इसके बाद प्रसूताएं डाक्टरों के पास जाती हैं।
क्या कहती हैं सीएमएस
जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डा. पुष्पा पंत का कहना है कि अस्पताल की व्यवस्थाओं को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। डाक्टरों की ओर से लापरवाही पर लगातार लिखित नोटिस दिए गए हैं और अब कह दिया है कि समय से आकर ड्यूटी करें। जिससे मरीजों को दिक्कत न हो।
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